हम कहाँ काम करते हैं

देश भर में हमारी उपस्थिति और प्रगति का पता लगाएं जहां हम हर बच्चे के अधिकारों की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं।

Adolescent girls in Odisha.

भारत में यूनिसेफ

असम में बच्चे

असम की जटिल सामाजिक, राजनीतिक और भौगोलिक वास्तविकताओं ने बाल विकास सेवाएँ उपलब्ध कराने की चुनौती बढ़ा दी है।

हमारे काम को करें

बिहार में बच्चे

बिहार में लगभग हर दूसरा व्यक्ति बच्चा है। प्रत्येक बच्चे लड़की और लड़क को जीवित रहने, फलने फूलने और पूरी क्षमता हासिल करने का अधिकार है।

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छत्तीसगढ़ के बच्चे

राज्य में विभिन्न जनजाति के लोग रहते हैं।

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गुजरात में बच्चे

कुपोषण, खराब टीकाकरण कवरेज, घटता लिंगानुपात और बाल विवाह की उच्च व्यापकता चुनौती बनी हुई है।

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झारखंड में बच्चे

झारखंड सामाजिक, मानव और आर्थिक विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में राजनीतिक अस्थिरता, उतार-चढ़ाव भरे सामाजिक-राजनीतिक वातावरण और व्यवस्थागत मुद्दा है |

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कर्नाटक में बच्चे

बाल श्रम, विवाह और तस्करी की ज्यादा संख्या में घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए अधिक किया जाना चाहिए।

हमारे काम को करें

केरल में बच्चे

देश में यहाँ शिशु और नवजात मृत्यु दर और पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों में विकास अवरुद्धता की प्रधानता सबसे कम है और विद्यालयों में प्राथमिक नामांकन दर सबसे

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मध्य प्रदेश में बच्चे

प्रदेश में बच्चों की उत्तरजीविता दर में जेंडर असमानता एक प्रमुख चिंता है।

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महाराष्ट्र में बच्चे

क्षेत्रीय और आर्थिक विषमता अभी भी महाराष्ट्र के बच्चों के भविष्य के आड़े आती है जिससे उनकी जरूरतें पूरी नहीं हो पातीं।

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ओडीशा के बच्चे

राज्य के प्रत्येक बच्चे के प्रत्येक अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

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राजस्थान के बच्चे

राजस्थान के सामंती, पितृसत्तात्मक, जाति-केंद्रित समाज और गहरे सामाजिक मानदंडों के कारण सामाजिक विकास में प्रगति बाधित हो रही है।

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तमिलनाडु के बच्चे

शिशु और नवजात मृत्यु दर एवं 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में स्टंट की व्यापकता सबसे कम और प्राथमिक स्कूल नामांकन दर सबसे अधिक है।

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तेलंगाना के बच्चे

अल्प विकास, अंगों का कमजोर होना और स्तनपान प्रथाओं में सुधार के लिए एक बहुआयामी योजना पर एक साथ काम करना।

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उत्तर प्रदेश के बच्चे

प्रत्येक वर्ष, राज्य के लगभग 380,000 बच्चों की मृत्यु कुपोषण, डायरिया आदि के कारण पाँच वर्ष की आयु से पहले ही हो जाती है।

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पश्चिम बंगाल के बच्चे

वह राज्य जिसकी जनसंख्या जल्द ही 100 मिलियन होने वाली हो, आने वाले वर्षों में इतनी बड़ी आबादी की देखभाल करने के लिए इसकी मौजूदा विकास की गति पर्याप्त नहीं है।

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