कौन कहता है पिता परवरिश नहीं कर सकते?

वे कर सकते हैं और बहुत अच्‍छे से कर सकते हैं।

विनीता मिस्र चित्रांशी
Tahera Yusuf, an Aanganwadi worker conducts a session on Early Childhood Education (ECE) while children react during an activity at the Aanganwadi centre in Arizal, Jammu & Kashmir.
UNICEF/UN0280979/Vishwanathan
11 जुलाई 2019

बच्‍चों के जीवित रहने, फलने-फूलने और अपनी क्षमता के अनुरूप विकास करने के लिए जरूरी है कि शुरूआती वर्षों में उन्‍हें न केवल माताओं बल्किमाता-पिता, दोनों का प्‍यार और देखरेख मिले। आज अधिकाधिक पिताओं के बच्‍चों की परवरिश में शामिल होने से, बचपन अपेक्षाकृत अधिक संपूर्ण हो गया है और बच्‍चों का सुखद भविष्‍य सुनिश्चित हो रहा है। आइए, ऐसे अनेक हीरो पिताओं में से एक पिता से मिलें जो अपने बच्‍चों के जीवन को बेहतरीन शुरुआत देने में मदद कर रहे हैं।

A family portrait of Daulat Singh, 30 – year old, illiterate father of 2 children, 5- year – old Kishan Singh and 3 – Year old Kanku Singh with his wife Chanpa Bai, 26 year–old Illiterate at their home.
UNICEF/UN0321964/Kolari

तीस-वर्षीय दौलत सिंह दो बच्‍चों के पिता हैं जिनमें से एक पांच वर्षीय किशन सिंह और दूसरा तीन वर्षीय कनकु सिंह है। हालांकि वह खुद कभी स्‍कूल नहीं गए, पर अपनी पत्नी चंपा बाई के साथ मिलकर अपने बच्‍चों की परवरिश का दायित्‍व सक्रिय रूप से निभा रहे हैं।

Anganwadi worker Manju Agarwal with Daulat singh, 30–year old, illiterate father of 2 children and his wife Chanpa Bai, 26 year–old Illiterate during regular home visit.
UNICEF/UN0321979/Kolari

दौलत सिंह आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मंजु अग्रवाल की हर बात सुनते हैं। उनसे दौलत और चंपा ने शिक्षा, पोषण, परिवार नियोजन और बच्‍चों की बढ़ोतरी और विकास पर शिक्षा पाई है। दौलत सिंह को अपने बच्‍चों के साथ खेलने, उनसे बातचीत करने और उनके साथ समय बिताने का महत्‍व का पता चला है।

Daulat singh, 30 – year old, illiterate father playing with his 5 – year old son Kishan Singh and 3 – year – old Kanku Singh.
UNICEF/UN0321968/Kolari

अब वह अपने बच्‍चों के साथ खेलते हैं और उन्‍हें सीखने और बातचीत से अपने विचार साझा करने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्हें पता चला है कि बचपन के शुरुआती वर्षों में बुद्धिमता, व्‍यक्तित्‍व, सामाजिक व्‍यवहार और वयस्‍क की क्षमता में सीखने और संवरने के बुनियादी वर्ष होते हैं।

Daulat singh, 30 – year old, illiterate father playing with 3 – year – old Kanku Singh.
UNICEF/UN0321967/Kolari

ये क्षण दौलत और उनके बच्‍चों, दोनों के लिए प्रिय हैं, जो अपने परिवार में अपने पिता को सक्रिय परवरिश में शामिल होते देख बड़े हो रहे हैं।

3 - year – old Kanku Sign learning coloring technique at the Kitoda Anganwadi center.
UNICEF/UN0321983/Kolari

तीन-वर्षीय कनकु सिंह एक प्रसन्‍नचित बच्‍चा है, जो प्रतिदिन सीखने के लिए छोटे-छोटे कदम उठा रहा है। जब किसी बच्‍चे को दोनों अभिभावकों का प्‍यार, देख-रेख, वार्तालाप और ध्‍यान मिलता है, तो बच्‍चे के विकास में अद्भुत वृध्दि होती है।