कोविड-19 महामारी से लड़ने में मदद करता एक यंग चैंपियन
आरजे हर्ष भटारिया कोविड-19 रोगियों से जुड़ी सकारात्मक कहानियां सुनाते हैं और संदेश फैलाते हैं कि कोविड-19 को हराया जा सकता है।

मैकेनिकल इंजीनियर की पढ़ाई कर चुके, पेशे से एक लोकप्रिय रेडियो जॉकी (आरजे), रुचि से सिंगर-कंपोजर और यंग पीपुल्स एक्शन टीम (वाईपीएटी) के सदस्य - हर्ष भटारिया का नाम भारत के उन युवाओं में शामिल हैं जिनमें भविष्य को बेहतर बनाने की क्षमता है।
कई चीजों में महारत हासिल करने वाले हर्ष आरजे बनने से पहले, गांधीनगर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अपनी कक्षा के ज्यादातर बच्चों की तरह तकनीकी विशेषज्ञ थे। ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन में एक अच्छी जॉब को छोड़ने वाले हर्ष को महसूस हुआ कि यह उनके लिए सही नहीं थी।
रेडियो आवाज 90.8 एफएम दाहोद पर अपने आकर्षक रेडियो प्रसारण के लिए जाने जाने वाले हर्ष कहते हैं, “मैंने अपनी जॉब छोड़ दी और अपनी रचनात्मकता के ज़रिए कुछ करने का फैसला किया। और फिर में रेडियो में आ गया। ऐसा नहीं था कि मैं आरजे बनने के लिए पूरी तरह से तैयार था, लेकिन इसमें मौजूद संभावनाएं आकर्षक थीं। कुछ नया बनाने, जाहिर करने और लोगों के साथ बांटने की स्वतंत्रता, बेहद संतोष जनक है।"
हर्ष कहते हैं, “आरजे होने के नाते हमें केवल स्क्रिप्ट के अनुसार ही काम नहीं करना होता, बल्कि हमें दर्शकों के साथ जुड़ने के लिए सहज व रचनात्मक भी होना पड़ता है। हर श्रोता को यह महसूस होना चाहिए कि मैं उससे ही बात कर रहा हूं।”
हर्ष एक 'इन्फ्लूएंसर' के रूप में अपनी जिम्मेदारी को लेकर बेहद सचेत हैं और वह अपने शो में महत्वपूर्ण मुद्दों पर जन जागरूकता फैलाने वाले कंटेंट लेकर आते हैं। उनका कहना है कि, "मैंने नोवल कोरोनवायरस, इसको लेकर बरती जाने वाली सावधानियों, राष्ट्रव्यापी वैक्सीन अभियान को बढ़ावा देने और ऐसे कई अन्य विषयों पर चर्चा की है, जिन पर तुरंत ध्यान देने की जरुरत है।"
2020 में, हर्ष ने गांधी जयंती के अवसर पर 'कोविड जागरूकता' नामक एक लघु फिल्म जारी की। इस फिल्म को उनके कोविड पॉजिटिव रहने के दौरान स्थानीय कोविड-देखभाल केंद्र में फिल्माया गया था। यह फिल्म कोविड देखभाल केंद्र में रोगियों के जीवन के उस वक्त की विभिन्न पहलुओं को सामने लाती है।
वे कहते हैं, ''उचित देखभाल और इलाज से कोरोना को हराया जा सकता है, यह संदेश फैलाने के लिए मैंने कोविड पॉजिटिव मरीजों को अपनी बातें सामने रखने का अवसर दिया।''
हर्ष ने मास्क पहनने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु एक गीत - 'दाहोद मास्क पेहरो' भी बनाया है। यह गीत, काफी लोकप्रिय है और कोविड-19-उपयुक्त व्यवहार और रोकथाम व इसका शीघ्र पता लगाने के महत्व पर उपयोगी जानकारी देते हुए काफी प्रभावी साबित हुआ।
लॉकडाउन के दौरान, आरजे हर्ष एक महत्वपूर्ण पहल का हिस्सा और इसके आयोजक भी रहे, जिसमें उन्होंने विभिन्न विषय विशेषज्ञों को अपने शो में आमंत्रित किया, और उन्होंने छात्रों के सवालों का जवाब देकर उनकी मदद की।
यूनिसेफ - एआरओआई रेडियो4चाइल्ड साझेदारी के हिस्से के रूप में, आरजे हर्ष ने भारत सरकार के टीकाकरण अभियान से जुड़ी अफवाहों को दूर करने के लिए एक बड़ी पहल 'वैक्सीन-वार्ता' हेतु डॉ. नारायण गांवकर (स्वास्थ्य विशेषज्ञ, यूनिसेफ) और डॉ. श्रवण चेनजी (स्वास्थ्य अधिकारी, यूनिसेफ) सहित चिकित्सा और यूनिसेफ विशेषज्ञों के साथ कई इंटरव्यू आयोजित किए हैं।
महामारी के दौरान, सोशल मीडिया कोविड-19 और विशेष रूप से युवाओं के बीच टीकाकरण के महत्व पर के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक शक्तिशाली माध्यम बन गया है।
हर्ष नियमित रूप से सोशल मीडिया पर आकर्षक व मनोरंजक तरीके से सटीक और सत्यापित जानकारी साझा करते हैं। उन्होंने मई की शुरुआत से ही अपने गृहनगर दाहोद में जरूरतमंदों को सैनिटाइज़र, मास्क व बुनियादी दवाओं का वितरण शुरू कर दिया था और वह अभी भी ऐसा कर रहे हैं।
उन्हें ऐसा करने की प्रेरणा कहां से मिली? इस पर हर्ष कहते हैं: “शक्ति के साथ-साथ जिम्मेदारी भी आती है। आज के युवा के पास शक्ति है। इसलिए स्वाभाविक रूप से समुदाय के प्रति उनकी कुछ जिम्मेदारियां हैं। इसलिए, हम बैठे रहकर दर्शक नहीं बनें रह सकते। आइए साथ मिलकर सकारात्मक बदलाव की दिशा में काम करें।"
लॉकडाउन के दौरान, आरजे हर्ष ने अपने दर्शकों, विशेषकर छात्रों के सवालों के जवाब देने के लिए विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों को भी अपने शो में आमंत्रित किया था। यूनिसेफ - एआरओआई रेडियो4चाइल्ड साझेदारी के हिस्से के रूप में, आरजे हर्ष ने कोविड-19 वैक्सीन से जुड़ी अफवाहों और गलत सूचनाओं को दूर करने हेतु एक बड़ी पहल 'वैक्सीन-वार्ता' के तहत चिकित्सा और यूनिसेफ विशेषज्ञों के साथ इंटरव्यू आयोजित किए हैं।
अपने खाली वक्त में हर्ष, नियमित रूप से अपने सोशल मीडिया पर आकर्षक और मनोरंजक तरीके से सटीक और सत्यापित जानकारी साझा करते रहते हैं। उन्होंने गुजरात के अपने गृहनगर दाहोद में जरूरतमंदों को सैनिटाइज़र, मास्क और बुनियादी दवाएं बांटना भी शुरू किया।
हर्ष कहते हैं: “शक्ति के साथ-साथ जिम्मेदारी भी आती है। आज के युवा के पास शक्ति है। इसलिए स्वाभाविक रूप से समुदाय के प्रति उनकी कुछ जिम्मेदारियां हैं। इसलिए, हम बैठे रहकर दर्शक नहीं बनें रह सकते। आइए साथ मिलकर सकारात्मक बदलाव की दिशा में काम करें।"