बौनेपन को रोकिये
हम सब साथ मिलकर बौनेपन (स्टंटिंग) और अन्य प्रकार के कुपोषण को रोक सकते हैं, जिससे प्रत्येक लड़की और लड़के को सर्वोत्तम संभव शुरुआत मिल सके|
- में उपलब्ध:
- English
- हिंदी
बौनापन (स्टंटिंग) बच्चों पर अपरिवर्तनीय शारीरिक और मानसिक प्रभाव डालता है | एक बौना (स्टंटेड) बच्चा अपनी उम्र के हिसाब से बहुत छोटा होता है, उसका पूरा विकास नहीं होता और यह शुरुआती जीवन में बढ़ोतरी और विकास के सबसे अधिक महत्वपूर्ण समय में अत्यधिक कुपोषण को दर्शाता है। स्टंटिंग को 0 से 59 माह की आयु के ऐसे बच्चों के रूप में परिभाषित किया जाता है जिनका कद डब्ल्यू एच ओ चाइल्ड ग्रोथ स्टैंडर्ड के अनुसार माइनस दो मानक विचलनों (मध्यम और अत्यधि कस्टंटिंग) और माइनस तीन मानक विचलनों (अत्यधिक स्टंटिंग) से कम होता है।
भारत में पांच वर्ष से कम आयु के 35 प्रतिशत बच्चे बौने (स्टंटेड) हैं जो एक गंभीर कुपोषण को दर्शाता है।बच्चों की दुनिया भर में होने वाली लगभग आधी मौतों के लिए बौनेपन (स्टंटिंग) और कुपोषण के अन्य प्रकारों को जिम्मेदार माना जाता है। (स्रोत: CNNS 2016-18)
(बौनेपन)स्टंटिंगकासंबंधअविकसितमानसिकऔरसीखनेकीक्षमता,बालपनमेंस्कूलमेंकमजोरप्रदर्शन,अल्पविकसितमस्तिष्क,कमआमदनीऔरभविष्यमेंपोषण संबंधीगंभीरबीमारियोंकेबढ़ेहुएजोखिमजैसेमधुमेह,अधिकरक्तचापऔरमोटापेसहितदीर्घावधिकहानिकारकप्रभावोंसहितमस्तिष्ककेअल्पविकाससेहै।
हालांकि भारत की अर्थ व्यवस्था प्रभावशालीदरसेविकसितहोरहीहैपरदेशमेंअबभीदुनियाकेसबसेअधिकबौने (स्टंटेड)बच्चेहैं (4.06 करोड़बच्चे) जोदुनियामेंपांचवर्षसेकमआयुकेबौने (स्टंटेड)बच्चोंकाएकतिहाईहिस्साहैं। (स्रोत:NFHS3 2005-06, CNNS 2016-18)
बौनेपन (स्टंटिग)कीशुरुआतगर्भधारणसेपहलेहीहोजातीहैजबएककिशोरीजोआगेचलकरमांबनतीहैकुपोषितहोतीहैऔरउसमेंखूनकीकमीहोतीहै।
यहस्थितितबऔरविकटहोजातीहैजबनवजातशिशुकोबेहतरआहारनहींमिलताऔरस्वच्छताऔरसाफ-सफाईअपर्याप्तहोतीहै।नवजातशिशुकेदोवर्षकीआयुतकपहुँचते ही यहस्थितिअपरिवर्तनीयहोजातीहै।
बौनेपन (स्टंटिंग)कास्कूलमेंउपस्थितिऔरप्रदर्शनपरनकारात्मकप्रभावपड़ताहै।परिणामस्वरूपबादमेंवयस्कहोनेपरआयमेंकमीहोसकतीहै।
कुपोषणकेकारणउत्पादकक्षमतामेंकमी,खराबबोधऔरखराबशैक्षणिकपरिणामहोतेहैंजोआर्थिकविकासमेंकमीलातेहैं।
भारतमें (बौनेपन)स्टंटिंगमेंगिरावटकारूझानदेखागयाहै।
2006 में 48 प्रतिशतकीतुलनामें 2016 में 35 प्रतिशतबच्चेबौने (स्टंटेड)थे,जोतुलनात्मकरूपमें20 प्रतिशतकीगिरावटहै।
प्रभावशालीगिरावटकेबावजूदआजभारतमें 4.06 करोड़बच्चेबौने (स्टंटेड)हैं (जेएमई 2018) (स्रोत: CNNS 2016-18)
देशमेंबौनेपन (स्टंटिंग)सेपीड़ितदुनियाकेलगभगएकतिहाईबच्चेरहतेहैंऔरभारतकेराज्योंकेबीचयहअसमानतासाफदिखाईदेतीहै।
केवलचारराज्योंबिहार,मध्यप्रदेश,महाराष्ट्रऔरउत्तरप्रदेशमेंभारतके 50 प्रतिशतसेअधिकबौने(स्टंटेड)बच्चेरहतेहैं।
बौने(स्टंटेड)बच्चोंकीसंख्याअनुसूचितजातियों(39प्रतिशत)औरअनुसूचितजनजातियोंमें(42प्रतिशत) अधिकहै।
बौनेपन(स्टंटिंग)केतात्कालिकऔरबुनियादीकारणोंमेंसबसेगरीबघरोंमेंशिशुऔरबालदेखरेखप्रथाएं,स्वच्छतासमस्याएँऔरसीमितखाद्यसुरक्षाशामिलहैं।यहप्रजननऔरमातृत्वपोषणसेजुड़ाहैऔरसामाजिकस्तरऔरशिक्षाकेस्तरकेअनुसारअक्सरमांकेगर्भमेंहीनिर्धारितहोजाताहै।किशोरावस्था,गर्भावस्थाऔरस्तनपानकेदौरानमहिलाकेआहारऔरदेखरेखकीगुणवत्तासेजुड़ीपारंपरिकअवधारणाएंभीइसकेकारणहैं।पिछलेदसवर्षोंमेंजबकि 6 महीनेतकशिशुकोकेवलस्तनपानकरानेमेंबढ़तहुईहैवहीं 6 महीनेबादपूरकआहारदेनेमेंकमीआईहै।
गरीबीबौनेपन(स्टंटिंग)कास्पष्टकारणनहींहैक्योंकिअमीरघरोंमेंभीबौने(स्टंटेड)बच्चेहैं।
परिवारमेंपोषकआहारहोनेकेबावजूदबच्चोंकोपोषकतत्वोंकापर्याप्तआहारनहींदियाजाताऔरमाताओंमेंकेवलआधीहीछहमाहसेकमआयुकेबच्चोंकी देखरेख करतीहैं।
साफपानी,स्वच्छताऔरसाफ सफाईसेजुड़ीप्रथाओंकीकमीजिनसे 50 प्रतिशततकहोनेवालीसभीबीमारियाँऔरडायरियाजैसेप्राणघातकरोगहोतेहैं,बालकुपोषणकेलिएभीयहीज़िम्मेदारहै।(स्रोतःविश्व स्वास्थ्य संगठन, जेनेवा 2008)
बौनेपन (स्टंटिग)जैसीसमस्याएंजोअक्सरअदृश्यहोतीहैं,उन्हेंसामनेलानेकीजरूरतहैताकिपरिवारऔरसमुदायइनपरमिलकरकार्रवाईकरसके।
सरकारकेसहयोगसेयूनिसेफकीव्यापकयोजनाकुपोषणकोकमकरएवंरोककरबौनेपन(स्टंटिंग)कीरोकथामकोकेन्द्रितकररहीहै,विशेषकरवंचितसमूहोंमें।
महिलाओंऔरबच्चोंकेलिएअच्छीगुणवत्ताकीसेवाएंशुरुकरनेऔरस्वास्थ्यवर्धकभोजन,शिशुआहारऔरदेखभालप्रथाओंकीमांगबढ़ानेमेंयूनिसेफकीतकनीकीसहायताकाबच्चोंमेंबौनापन(स्टंटिंग)कमकरनेकेसरकारकेप्रयासोंमेंमहत्वपूर्णयोगदानहै।
माताओंऔरछोटेबच्चोंकोस्वास्थ्यस्वच्छताऔरपोषणसेवाएंप्रदानकरनेकेलिएग्रामस्वास्थ्यएवंपोषणदिवसकोसमुदायआधारितप्लेटफॉर्मकेरूपमेंसशक्तबनानाएकमहत्वपूर्णरणनीतिहै।
इसयोजनासेआंगनबाड़ियोंमेंपानी,स्वच्छताऔरसाफफाईसेसंबंधितसेवाओंमेंभीसुधारहोगा।
प्रसवमेंकुशलव्यक्तियोंकीसहायता,नवजातकीअनिवार्यस्वास्थ्यचिकित्साए,जल्दीस्तनपानशुरुकरवाना,पहलेछहमहीनोंमेंकेवलस्तनपानऔरटीकाकरणसमेतअच्छीगुणवत्ताकीमातृत्वऔरबालस्वास्थ्यसेवाओंतकपहुंचप्रदानकरनेकेभीप्रयासकिएजारहेहैं।
स्टेटहेल्थमिशनकेसमर्थनमेंयूनिसेफकीसफलतानेशनलन्यूट्रिशनमिशनशुरूकरनेमेंमददगाररहीहै।इसमिशनकोपोषन(प्राइम मिनिस्टरओवरआर्चिंगस्कीमफॉरहोलिस्टिकनरिशमेंट)अभियानकहाजाताहैजिसकेकार्यान्वयनमेंहममहत्वपूर्णभागीदारहैं।
मार्च 2018 मेंप्रधानमंत्रीद्वाराशुरूकिएगएपोषणअभियानकालक्ष्य 0 - 6 वर्षआयुकेबच्चोंऔरगर्भवतीऔरस्तनपानकरानेवालीमहिलाओंकेपोषणस्तरमेंसुधारकरनाहै।
जीवनचक्रदृष्टिकोणसेइसअभियानकाउद्देश्यतीनवर्षोंमें (2018 से 2020) स्टंटिंगकादर 6 प्रतिशतघटाना, यानि 38.4 प्रतिशतसेघटाकर 29.3 प्रतिशतकरनाहै।
बौनेपन(स्टंटिंग)कीदरकमकरनाकुपोषणकेराष्ट्रीयऔरक्षेत्रीयलक्ष्योंसहितसततविकासलक्ष्योंकोहासिलकरनेकेलिएबेहदमहत्वपूर्णहै।
हम जानते हैं किबौनेपन(स्टंटिंग)औरकुपोषणकेअन्यप्रकारोंकीरोकथामकैसेहोसकतीहै।भारतमेंसभीकेलिएपोषणमेंसुधारहेतुकार्यान्वितकिएजानेवालेप्रमाणितसमाधानहैं।ऐसेसमाधानजोविकासमेंतेजीलासकतेहैंऔरकुपोषणचक्रतोड़नेमेंसहायकहोसकतेहैं।
हम मिल जुलकर बौनेपन(स्टंटिंग) की रोक थाम कर सकते हैं और अवश्यक रना चाहिए।