भारत के प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूल
यह राजस्थान सरकार द्वारा राज्य सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में एक आंगनवाड़ी केंद्र को स्कूल कार्यक्रम के तहत आत्मसात करने की एक अनूठी विशेषता है।

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सात वर्षीय लक्ष्मी (बाएँ), अपनी सबसे अच्छी सहेली और सहपाठी, स्वप्ना (दाएँ); जिसकी आयु भी सात वर्ष है दूसरी कक्षा में पढ़ती है।

उनको स्कूल आना पसंद है क्यूंकि इससे उन्हें एक दूसरे के साथ समय बिताने का मौका मिलता है।

मेहज़बीन मानती है कि अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हाथ धोना महत्त्वपूर्ण है।

बच्चे मानते हैं कि स्वादिष्ट दूध पीना उन्हें ताकतवर बनाता है।

12वीं कक्षा की अंजलि प्रजापत (बाएँ), 12वीं कक्षा की हिना बमानिया (बीच में) और 11वीं कक्षा की आयुषी दर्जी (दाएँ) रोज़ाना अपने विद्यालय जाने के लिए एक तरफ से औसतन 20 किमी की दूरी तय करती हैं।

चित्रि ब्लॉक, जिला डूंगरपुर, राजस्थान के सरकारी माध्यमिक विद्यालय में सुबह की प्रार्थना।

“स्कूल आना मज़ेदार है क्योंकि इससे अपने दोस्तों के साथ समय बिता सकते हैं।”

“हमारा अपना शौचालय होना हमारे लिए ज़रूरी है क्योंकि कुछ ऐसे विद्यालय हैं जहाँ मेरे कुछ मित्र पढ़ते हैं और वहाँ एक स्वच्छ शौचालय ना होने के कारण कठिनाई का सामना करते हैं।”

राधिका को अपनी सहेलियों के साथ ‘अरे बादल काले बादल, आओ ज़रा झूम के, अपने संग ठंडी हवा लाओ ज़रा झूम के’ गीत गाना पसंद है।

विद्यालय के प्रधानाचार्य, पंकज शाह, एक दिव्यदर्शी शिक्षाविद, जो पिछले 20 वर्षों से इस विद्यालय में कार्यरत हैं, अपने विद्यार्थियों के साथ विद्यालय के मैदान में।

दूसरी कक्षा की 7 वर्षीय विधि दर्जी (बाएँ) अपनी 8 वर्षीय बहन भूमि दर्जी (दाएँ), के साथ चित्रि ब्लॉक, जिला डूंगरपुर, राजस्थान के सरकारी माध्यमिक विद्यालय में अपने दोपहर के भोजन का आनंद लेते हुए।