COVID-19 योद्धा शहरी मलिन बस्तियों की रक्षा कर रहे हैं
यूनीसेफ और आंध्र प्रदेश राज्य सरकार मिलकर स्व-सहायता समूहों को प्रशिक्षित करेगी
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अभी सुबह हुई है और स्थानीय महिलाओं के स्वयं सहायता समूह की प्रमुख ललिता कुमारी काम के लंबे दिन के लिए बाहर निकल रही हैं।ललिता 4,000 शहरी स्लम परिवारों की देखभाल करती है और COVID-19 के समय में वह रोकथाम जागरूकता और परामर्श जैसी अतिरिक्त सहायता प्रदान कर रही है।
“COVID-19 महामारी और लॉकडाउन ने सभी के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है।हर दिन हम ऐसे लोगों से मिलते हैं जिनका आवश्यक सामान खत्म हो रहा है या बहुत अधिक मानसिक-सामाजिक तनाव से गुजर रहे हैं, ” ललिता याद कर रही है, जो सुबह और शाम अपने क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले परिवारों से मिलती है।दोपहर में, वह या तो बेघर लोगों के लिए शेल्टर होम का दौरा करती है या अपने कार्यालय में उन मास्क का जायजा लेती है, जिन्हें स्वयं-सहायता समूह की महिलाएँ तैयार करती हैं।
ललिता चित्तूर जिले के मदनपल्ली मंडल में नगरपालिका क्षेत्रों (MEPMA) में गरीबी उन्मूलन के लिए आंध्र प्रदेश राज्य सरकार के शहरी विभाग की योजना मिशन के साथ काम करती है।
ललिता कहती हैं, "मेरे बच्चे मुझसे सवाल करते हैं और पूछते हैं कि मुझे हर दिन बाहर जाने की क्या जरूरत है, जब जिला रेड जोन घोषित है।"ललिता के लिए, समुदाय के साथ काम करना जुनून है, विशेष रूप से महिलाएं, जिसके कारण वह मार्च के अंत में देश व्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद से वह हर दिन काम पर जा रही है।
वह अपने चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान के साथ बताती है कि "कोई परिवहन का साधन उपलब्ध नहीं होने की वजह से लंबी दूरी चलना मुश्किल है, लेकिन दिन के अंत में, लोगों और परिवारों की मदद करने की संतुष्टि से थकान दूर हो जाती है"
राज्यव्यापी,ललिता की तरह महिलाओं के समूहों को सक्रिय रूप से महामारी फैलने और आवश्यक सावधानियों के बारे में समुदाय के सदस्यों में जागरूकता फैलाने के लिए सक्रिय रूप से शामिल किया गया है।
ललिता और आंध्र प्रदेश में 6,500 अन्य महिला लीडरों को यूनीसेफ हैदराबाद फील्ड ऑफिस के साथ साझेदारी में MEPMA द्वारा आयोजित ऑनलाइन सत्रों के माध्यम से व्यवस्थित रूप से प्रशिक्षित किया गया है।
ललिता कहती हैं, "ऑनलाइन प्रशिक्षण की बदौलत, हम समुदायों की प्रभावी ढंग से सेवा और सुरक्षा करने के लिए बेहतर स्थिति में हैं।"
यूनिसेफ के वॉश (WASH) सेक्शन ने लॉकडाउन के दौरान साइको-सोशल स्ट्रेस का प्रबंधन, प्रमुख हाइजीन बिहेवियर को फॉलो करना और इंफेक्शन की रोकथाम और कंट्रोल की समग्र समझ बनाने के लिए इन प्रशिक्षणका प्रारूप बनाया गया और दिया गया
प्रशिक्षण का लाभ आंध्र प्रदेश राज्य में 110 शहरी स्थानीय निकायों में कुल 23 लाख शहरी परिवारों तक पहुंच रहा है।
ललिता, एक दृढ़ COVID-19 योद्धा कहती हैं, "हालाँकि हमारा मदनपल्ली जिला एक रेड जोन है, हमारे शहरी स्थानीय निकाय में अभी तक एक भी मामला नहीं आया है और इसे दूर रखने के लिए हम अपने समुदायों को शिक्षित और प्रेरित करने के लिए सब कुछ करेंगे।"