भारत के बच्चों की ओर से शुक्रिया
एक कठिन वर्ष | मुश्किलों भरा एक वर्ष | इस वर्ष ने हम सबकी परीक्षा ली | वर्ष की समाप्ति पर, यूनिसेफ उन सभी लोगों को शुक्रिया कहता है जो भारत में इस संकट के समय बच्चों के अधिकारों के लिए खड़े हुए |
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कोविड - 19 ने बहुत कुछ बदल दिया लेकिन बच्चों की सुरक्षा में लगे लोगों के समर्पण में कहीं कोई कमी नहीं आई।
प्रत्येक बच्चे के लिए एक बेहतर दुनिया की पुनर्कल्पना में मदद के लिए हम अपने सभी हीरो और समर्थकों को शुक्रिया कहते हैं।
कोविड महामारी के कारण बच्चे घरों में बंद हो गए | कोविड - 19 की वजह से स्कूल बंद होने के कारण 28 करोड़ 60 लाख बच्चे और किशोर प्रभावित हुए |
यद्यपि इसका मतलब ये नहीं कि उनकी पढ़ाई रुक गई | यूनिसेफ ने बच्चों की घरों में पढ़ाई को जारी रखा और स्कूलों के फिर से खुलने की निर्देशिका तैयार करने में सरकार की मदद की |
17 राज्यों के लाखों बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं, दूरदर्शन और रेडियो के कार्यक्रमों से लाभान्वित हुए | 16 राज्यों में लगभग 4 करोड़ 44 लाख बच्चे यूनिसेफ और उसके सहयोगियों द्वारा शुरू किए गए शैक्षणिक प्रयासों के माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं |
बच्चों की तरफ से यूनिसेफ उनकी पढ़ाई निर्बाध रूप से जारी रखना सुनिश्चित करने वाले लाखों शिक्षकों को बहुत बधाई देता है |
COVID-19 महामारी [SR1]
कोविड महामारी के दौरान, नवजात शिशुओं के जीवन रक्षा पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए यूनिसेफ ने सरकार को अपना सहयोग जारी रखा | यूनिसेफ ने लाखों बच्चों और महिलाओं को प्रसव पूर्व, प्रसव के दौरान एवं प्रसव पश्चात् देखभाल, आवश्यक नवजात देखभाल, टीकाकरण सहित आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए सरकार का सहयोग किया |
लगभग 1 करोड़ 97 लाख बच्चों और महिलाओं ने यूनिसेफ समर्थित सुविधाओं में प्रसव पूर्व, प्रसव के दौरान एवं प्रसव पश्चात् देखभाल, आवश्यक नवजात देखभाल, टीकाकरण, बचपन सम्बन्धी बीमारियों का इलाज़ और एच आई वी देखभाल सहित आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त किया | 14 लाख 80 हज़ार स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने वालों को कोविड - 19 मामलों की पहचान, रेफरल और उचित प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया है |
चुनौती भरी परिस्थितियों में काम करने वाले लाखों स्वास्थ्य कर्मियों का बहुत शुक्रिया जिन्होंने ये सुनिश्चित किया कि बच्चे और उनके परिवार के लोग सुरक्षित रहें |
महामारी के दौरान यूनिसेफ ने लोगों तक इस बीमारी से सुरक्षित रहने की महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाने और ऐसा करने के लिए ज़रूरी माहौल तैयार करने में सरकार की मदद की।
पूरे भारत में लगभग 36 लाख लोगों तक आवश्यक वाश सामग्रियां (स्वच्छता सम्बन्धी वस्तुओं सहित) और सेवाएं पहुंचाई जा चुकी हैं | इन आपूर्तियों में साबुन और सैनिटरी पैड, हाथ के सम्पर्क को कम करने के उद्देश्य से तैयार किये गये हैंड वाशिंग स्टेशन, और अस्पतालों में संक्रमण के रोकथाम एवं नियंत्रण के समुचित अभ्यास के लिए आवश्यक सामग्रियाँ शामिल थीं।
स्कूलों और शिशु देखभाल केन्द्रों में स्वस्थ वातावरण बनाये रखने के लिये शिक्षकों, माता-पिता, सफाई कर्मियों और अभिभावकों को आवश्यक जानकारियाँ प्रदान करने के लिए यूनिसेफ ने शिक्षा एवं बाल सुरक्षा सहयोग के लिए भी अपने लक्ष्यों का सम्मिलन (एकीकरण) किया।
कोविड महामारी के दौरान यूनिसेफ ने भारत में बौनेपन के शिकार लाखों बच्चों तक निरंतर सेवाएँ पहुंचाने के लिए सरकार का सहयोग किया | यूनिसेफ समर्थित पोषण सेवाओं के कारण लाखों बच्चे, जो बौनेपन का शिकार हो सकते थे, आज स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे हैं | यूनिसेफ समर्थित राज्यों में पोषण सेवाओं पर काम करने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या 427,000 से बढ़कर लगभग 5 लाख तक पहुँच गई है | (6 - 59 माह के) लगभग 102,400 बच्चों को गंभीर तीव्र कुपोषण (एस ए एम) के इलाज़ के लिए भर्ती किया गया |
यूनिसेफ उन हजारों आंगनवाड़ी कर्मियों को शुक्रिया कहता है जिन्होंने बच्चों के लिए पोषण सुनिश्चित किया |
कोविड महामारी के दौरान, दस लाख से अधिक ज़मीनी कार्यकर्ताओं को इस महामारी से लड़ने के लिए उनकी क्षमता वर्धन करने में सरकार का सहयोग किया | यूनिसेफ ने ज़मीनी कार्यकर्ताओं, आवश्यक सेवा प्रदाताओं और कोविड – 19 से बचने वालों को कलंक का सामना करने और उनके साथ पक्षपातपूर्ण व्यव्हार के मुद्दों को संबोधित करने के अभियान में सहयोग किया | कोविड – 19 से बचाव एवं सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए सन्देश भेज कर भारत में यूनिसेफ 100 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंचा | भारत में 66 करोड़ बच्चों और उनके परिवारों तक कोविड - 19 से कैसे सुरक्षित रहें, की सही जानकारी पहुंचाई जा चुकी है |
लाखों कोविड योद्धाओं को हमारा सलाम जिन्होंने अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अपना काम जारी रखा |
बच्चों द्वारा अपने घरों में सुरक्षित महसूस करना सुनिश्चित करने के लिए यूनिसेफ ने सरकार के साथ मिलकर काम करना जारी रखा | 333,000 से अधिक बच्चों और उनके देखभाल करने वालों को बाल-सुरक्षा कर्मियों, परामर्शियों और सरकार सहित यूनिसेफ की सहायता से मनो-सामाजिक सहयोग प्रदान किया गया | अब तक परिवार या अपने माता-पिता से बिछुड़े 8,200 बच्चों को समुचित वैकल्पिक देखभाल व्यवस्था उपलब्ध कराई गई |
उन हज़ारों चाइल्ड लाइन कर्मियों और गैर सरकारी संगठनों को हमारा सलाम जिन्होंने ये सुनिश्चित किया कि असुरक्षित महसूस करने वालों को सिर्फ एक फोन कॉल पर मदद पहुँच सके|
पूरे भारत से व्यवसाइयों और दानकर्ताओं को यूनिसेफ का शुक्रिया जो यूनिसेफ के साथ दृढ़ता से खड़े रहे और भारत में बाल अधिकारों का समर्थन किया | 2021 में यूनिसेफ की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हम आप सबका इस महत्वपूर्ण सहयोग के लिए शुक्रिया कहते हैं |
आइये हम साथ मिलकर काम करें, और भारत में प्रत्येक लड़के और प्रत्येक लड़की के एक सुरक्षित भविष्य को #Reimagine करें |