जल योद्धा बनें
“पानी की हर बूंद क्यों महत्वपूर्ण है और आप कैसे और क्या मदद कर सकते हैं” विषय पर विश्व जल सप्ताह के लिए ब्लॉग पोस्ट।

आईपीसीसी की नई रिपोर्ट के सामने आने के के बाद, दिनों-दिन बढ़ते ग्लोबल तापमान को कम करना, और नए तरीके तलाशनाअब हम सभी की पहली प्राथमिकता बन गई है। सीओपी26 में, दुनिया भर के नेता 234 स्वयंसेवी वैज्ञानिकों द्वारा 8 वर्षों में लिखी गई इस रिपोर्ट पर अमल करने और हमारे भविष्य आकार देने वाली पॉलिसी बनाने की बात करते हैं, लेकिन हमें केवल उम्मीद देने के अलावा इस दिशा में अभी काफी काम करने की जरुरत है। हमें अपने रहन-सहन के तरीके को बदलने और बदलाव लाने के लिए साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है। हमें लोगों को प्रेरित करने के लिए इस दिशा में काम करने की जरूरत है।
हर एक छोटा कदम प्रभावी एवं महत्वपूर्ण है इसलिए यह आपकी भी जिम्मेदारी है। शुरुआत करना कठिन हो सकता है, लेकिन आरंभ करने के बाद आप बदलाव लाने वाले एक शक्तिशाली समुदाय का हिस्सा बन जाएंगे, जो दुनिया में परिवर्तन ला रहे हैं और इस तरह आप भी लोगों की भलाई कर पाएंगे।
जल योद्धा बनने की यात्रा शुरू करते हुए आपको इन बातों को ध्यान में रखना होगा:
हमेशा 'ग्लास हाफ फुल' हैं यह देखें!
पानी के प्रति पॉजिटिव नज़रिया रखना, हमेशा उतना ही लेना जितनी आपको ज़रूरत हो और इसे बर्बाद न करना इसे रिसोर्स के रूप में बचाने का सबसे अच्छा तरीका है। बड़ा बदलाव हमेशा छोटे-छोटे बदलावों से ही आता है। इस दिशा में अपने आसपास कदम उठाएं, और ग्लोबल अभियान का हिस्सा बनें।
2015 में, भारत को सबसे बड़े सूखे का सामना करना पड़ा था। मुझे मालूम चला कि, हम रेस्टोरेंट में अपने ग्लास में जो पानी छोड़ देते हैं, उससे हर साल चौदह मिलियन लीटर पानी बर्बाद होता है और अब मैंने इसपर ध्यान देना शुरू कर दिया है। इस छोटी सी बात से काफ़ी बड़ा असर होता है। उसी दिन, मैंने पानी की एक-एक बूंद को बचाने की शपथ ली और पानी के प्रति लोगों की मानसिकता बदलने के उद्देश्य से मैंने 'व्हाई वेस्ट'? मुहिम लॉन्च की। हालांकि, शुरुआत में मेरी कोशिश बेकार रही, फिर भी मैंने प्रयास करना नहीं छोड़ा। मैंने "ग्लासहाफफुल" कॉसेप्ट, के साथ रेस्तरां में बर्बाद हो रहे पानी की समस्या पर फिर से काम करना शुरु कर दिया। "ग्लासहाफफुल" कॉसेप्ट में वेटर गिलास को पूरा भरने के बजाय केवल आधा ही भरते हैं, ताकि लोग उतना ही पानी ले सकें जितना उन्हें चाहिए। ग्लास हाफ फुल एक बहुत साधारण आइडिया था जिसे न केवल किसी एक रेस्टोरेंट में, बल्कि भारत के सभी रेस्तरां में अपनाना आसान था। इससे लोगों पर और भी कई असर हुए। इसी के चलते वो हर दिन अपने पानी के इस्तेमाल के तरीकों के बारे में सोचने लगे। इसने वो पानी के इस्तेमाल और इसे बचाने से जुड़ी अपनी आदतों के बारे में भी सोचने लगे। इसलिए, ग्लास हाफ फुल मुहिम के ज़रिए वो इस मसले के हल का हिस्सा बनें, और पानी के संकट की स्थिति को समझने लगे। उनकी मानसिकता बदलने लगी थीं।

उन समस्याओं पर आवाज उठाएं जो आपके लिए महत्वपूर्ण हैं, लोगों को साथ देने के लिए प्रेरित करें और अधिकारियों से इसमें बदलाव लाने के लिए और आपके साथ मिलकर काम करने के लिए निवेदन करें।
पानी बचाने के लिए अलग-अलग रेस्तरां को तीन साल तक समझाने की कोशिशों के बाद, हमने change.org पिटिशन पर 15,000 से अधिक लोगों के सिग्नेचर कराने के बाद विश्व जल दिवस 2019 के मौके पर हमने एनआरएआई के साथ साझेदारी की। इसके ज़रिए हमने #GlassHalfFull आइडिया को देश भर के 500,000 रेस्तरां तक पहुँचाया, और 10 मिलियन लीटर से अधिक पानी को बर्बाद होने से बचाया! अगले साल हमने#GlassHalf Full आइडिया को 8 से अधिक देशों तक पहुँचा दिया, और यह एक ऐसी सोच बनी , जिसे हर कोई बहुत ही आसानी से अपना सकता था। यह आइडिया बेहद अनोखा था, इसी लिए लोगों को पसंद भी आया। इससे हर कोई प्रभावित हुआ, सभी की मदद हुई और सभी का साथ मिला।
जब आप सिस्टम में मौजूद कई चीजों को बदलने की कोशिश कर रहे होते हैं, तो आपको देखना चाहिए कि इससे प्रत्येक व्यक्ति को क्या लाभ होगा, और इससे आप समझ पाएंगे कि इकोसिस्टम के रूप में इसका सभी को क्या लाभ होगा, जिससे वे खुद ही आपके बदलाव की अभियान का हिस्सा बनना चाहेंगे
शुरुआत से ही सोच बदलें
जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं हमारी सोच विकसित होती जाती है। हम जितने छोटे होते हैं, हम उतने ही अपने आस-पास की दुनिया के बारे में उत्सुक होते हैं और बेहतर बनाने की कोशिश करना चाहते हैं। युवाओं के साथ अपने बदलाव के विचारों को शेयर करने से हमें सुनहरे भविष्य की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी, जहां हर नागरिक बदलाव का हिस्सा होगा। हमारी पुस्तक - "द सस्टेनेबिलिटी स्टोरीज़" प्रथम बुक के स्टोरीवीवर पर प्रकाशित हो चुकी है और 9000 से अधिक पुस्तक बिक चुकी है! हमने इन कहानियों को मज़ेदार इंटरैक्टिव वीडियो में बदलने के लिए यूनिसेफ के साथ मिलकर काम किया है, जिसका पहला वीडियो आप यहां देख सकते हैं।
बच्चों के द्वारा और बच्चों के लिए बनी इस पुस्तक का उद्देश्य उनमें इको-फ्रेंडली मानसिकता लाना है और बच्चों को वह बदलाव लाने के लिए प्रेरित करना है जो वे दुनिया में देखना चाहते हैं।
लोगों को साथ लाएं, साथ मिलकर बदलाव लाएं - बदलाव के विचारों पर पर दुनिया का हक है
बदलाव हमेशा होता रहता है, लेकिन दुनिया को अब चेंजमेकर्स की जरुरत है। ऐसा आइडिया लाएं, जिसे सब आसानी से अपना सकते हैं, और सभी सभी हिस्सा बन सकते हैं। बदलाव के विचारों पर पर दुनिया का हक है। इन विचारों का पेटेंट नहीं कराया जा सकता, उनका कॉपीराइट नहीं होना चाहिए। जब हर कोई आपके आइडिया को अपनाना चाहता है, तो यही सच्चा बदलाव है। आज भी, मुझे दुनिया भर के लोगों से संदेश और कॉल आते हैं कि उन्होंने अपने आसपास #GlassHalfFull मुहिम को किस तरह से अपनाया है।
खुद पर और अपने आइडिया पर विश्वास करें, ताकि दूसरे लोग भी इसे अपनाना सकें
बदलाव साथ मिलकर आता है, लेकिन इसकी शुरुआत स्वयं ही करनी होती है। इस बारे में एक
धारणा है "खुद विश्वास करें, तभी दूसरे विश्वास करेंगे।" आज दुनिया की कई बड़ी कंपनियां और ब्रांड हमें उन्हें पसंद करने और उनके विज़न पर विश्वास करने पर मजबूर करती हैं। वे अपने आश्वासन पर हमें विश्वास कराकर ऐसा कर पाती हैं। यही बदलाव है! अपने आइडिया पर विश्वास करें और उन्हें हर रोज जिएं लागू करें। धीरे-धीरे देखेंगे कि आपके आइडिया पर आसपास के लोग और कहीं दूर रहने वाले लोग भी विश्वास करने लगेंगे।
आपकी असली क्षमता आपकी सोच से कहीं ज़्यादा है। हर कदम पर अपना व्यवहार नम्र रखें, इसपर सोशल आन्ट्रप्रनर के रूप में आपकी सफलता या असफलता निर्भर करती है। इसके अलावा, मुश्किल समय में आपकी टीम ही आपका सबसे बड़ा सहारा होती है। इसलिए हमेशा सही फैसला लें, अपने आसपास ऐसे लोगों को रखें जो आपके आइडिया पर उतना ही विश्वास करते हैं जितना आप करते हैं।
आपने जो बदलाव लाएं हैं, उसका जश्न जरुर मनाएं!
लोगों द्वारा अपनी टेबल पर पड़ी खाली गिलासों की तस्वीरें शेयर करना और कुछ समय तक हमारे साथ इंटर्न या स्वेच्छा से काम करने के बाद यंग चेंजमेकर्स द्वारा अपना खुद का उद्यम शुरू करने की प्रेरणा और अपनी इस यात्रा में हमारे सहयोग के लिए हमें श्रेय देना, हमारे लिए दिल को छू लेने वाले कुछ यादगार पल रहे हैं।
जब आप बदलाव की दिशा में काम करते हैं, तो पीछे मुड़कर देखना न भूलें और देखें कि आप कितनी दूर आ चुके हैं, और आपने क्या बदलाव लाया है, यह देखें।
अपने जीवन में बदलाव लाएं - पानी का इस्तेमाल सोच समझ कर और सावधानी से करें
अपने नल को जरुरत न होने पर बंद करने, कम पानी से नहाने, बाल्टी से नहाने, फ्रंट-लोड वाशिंग मशीन का इस्तेमाल करने, और ऐसी बहुत सी चीजें करके आप हर दिन कम से कम 100 लीटर (हाँ, आपने सही पढ़ा, 100!) पानी बचा सकते हैं।
2017 में, जब केप टाउन शहर में पानी का स्तर लगभग शून्य पहुंच गया था, तब हर नागरिक ने साथ मिलकर योगदान दिया, और उन्होंने अपने पानी के इस्तेमाल और जरुरत के पानी का हिसाब लगाया, और सुनिश्चित किया कि सभी को उतना ही मिले जितना उन्हें चाहिए था,ऐसा कर पानी की बर्बादी को रोका। और इससे वो दु इतिहास के सबसे बुरे वक्त में इकट्ठे बाहर निकल सके।
केप टाउन के नागरिकों से इस कदम से प्रेरित होकर, हम उनकी इस कोशिश को दुनिया के हर हिस्से तक ले जाना चाहते थे। हर व्यक्ति इस अभियान में भाग ले सकता है इसीलिए हमारे द्वारा बनाए गए ऐप को कुध महीनों में ही 500 से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया। लोग इस आइडिया को लेकर बेहद उत्साहित हैं क्योंकि अब वो कहीं से भी इस बदलाव का हिस्सा बन सकते हैं। यह ऐप आपको अपने #वाटरफुटप्रिंट का हिसाब लगाने में मदद करता है और आपको हर दिन कम से कम 100 लीटर पानी बचाने के तरीके सिखाता है!
मेरी व्यक्तिगत यात्रा और हमारे सामूहिक योगदान दुनिया के केवल कुछ हीमहत्वपूर्ण मुद्दों को समझने और उनको हल ढूंढ़ने की दिशा में केवल एक कदम है।
मैं इस आर्टिकल को पढ़ने वाले हर व्यक्ति से इससे जुड़ने का अनुरोध करती हूं। बदलाव की दिशा में पहला कदम उठाएं, आप शुरुआत खुद से करें। हर एक बूंद महत्वपूर्ण है, और हम हर व्यक्ति को इस अभियान का हिस्सा बनने में, उसकी मदद करने के लिए तैयार हैं!
लेखक के बारे में:
भारत की वॉटर गर्ल, ग्रविता ने 13 साल की उम्र में चेंजमेकर के रूप में अपनी यात्रा शुरू की। साल 2015 में, भारत में आए जल संकट से प्रभावित होकर, उन्होंने व्हाई वेस्ट? की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य जल संकट की ग्लोबल समस्या को हल करने के लिए आसान तरीकों से पानी के प्रति लोगों की मानसिकता को बदलना था। उनके द्वारा शुरु की गई बड़ी मुहिम में रेस्तरां में #GlassHalfFull और अपने वॉटर फुटप्रिंट की गणना करने और पानी को बचाने में मदद करने के लिए व्हाई वेस्ट ऐप शामिल है। व्हाई वेस्ट? के ज़रिए 6 मिलियन से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और 10 मिलियन लीटर से अधिक पानी को बर्बाद होने से रोकने में सफलता मिली है। उनके प्रयासों के लिए, ग्रविता को द डायना अवार्ड, अर्थ डे नेटवर्क और अशोका सहित विभिन्न प्लेटफार्मों द्वारा सम्मानित किया गया है, और उन्हें फोर्ब्स 30 अंडर 30 एशिया 2021 की सूची में सबसे कम उम्र की सोशल आन्ट्रप्रनर चुना गया था।