इस दुनिया में आने वाले हर बच्चे को बेहतर शुरुआत का हक़ है |
तेतरी देवी का गर्भावस्था के समय वज़न मात्र 32 किलो था | उसमें न केवल खून की कमी थी बल्कि वो डायरिया और कुपोषण से भी जूझ रही थी |

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तेतरी देवी का गर्भावस्था के समय वज़न मात्र 32 किलो था | उसमे न केवल खून की कमी थी बल्कि वो डायरिया और कुपोषण की जटिलताओं से भी ग्रस्त थी | अपने परिवार को सँभालने के लिए वो अत्यंत कठिन परिस्थितियों में अपनी जटिल गर्भावस्था के आठवें महीने तक ईंट भट्टे में काम करती रही | इन्हीं मुश्किलों के दौरान एक आशा कार्यकर्ती प्रतिमा देवी उसे देखने पहुंची | उसने उसे परमर्श दिया और उसे सब-डिवीज़न अस्पताल, शेरघाटी तक ले जाने में मदद की, जहाँ तेतरी देवी अति आवश्यक चिकित्सीय देखभाल एवं दवाएं दी गयीं |
उसको पौष्टिक भोजन, उचित निजी देखभाल और अस्पताल में बच्चा पैदा करने के महत्त्व के बारे में बताया गया | समय पर प्रतिमा देवी की मदद मिल जाने से तेतरी देवी ने धनराज को जन्म दिया |

दुर्भाग्यवश तेतरी देवी का संघर्ष यहीं समाप्त नहीं हुआ ! पैदा होते ही धनराज को हाइपोथरमिआ, जो कि नवजात शिशुओं में पायी जाने वाली खतरनाक बीमारी है, के कारण सांस लेने में परेशनी हुई | उसे तुरंत अस्पताल के स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट (एस एन सी यू - SNCU)* में ले जाया गया ताकि उसे उचित चिकित्स्कीय मदद मिल सके | स्वास्थ्य कर्ताओं, डॉक्टर्स और नर्सों के अथक प्रयास के कारण धनराज जीवित बच सका |
धनराज आज सात महीने का है और उसका वज़न 2.2 किलो है | प्रतिमा देवी नियमित रूप से तेतरी देवी के घर जाती हैं और उन्होंने परिवार को धनराज को पूरक आहार देने के बारे में बताना शुरू कर दिया है|

जिन परिस्थितियों में तेतरी देवी रहती है, वे बहुत ही ख़राब हैं | प्रतिमा देवी की तरह स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता इन परिवारों में नियमित रूप से जा कर माँ - बच्चे का हालचाल लेते हैं | शेरघाटी जैसी जगहों पर जहाँ कुपोषण और जानकारियों का आभाव नवजात शिशुओं की मृत्यु के प्रमुख कारण हैं, ये आशा कार्यकर्त्ता उनके लिए अप्रत्यक्ष वरदान के समान हैं |

यूनिसेफ भारत सरकार के साथ मिलकर ब्लॉक स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण कराती है | आशा कार्यकर्त्ता माताओं और परिवारों की पहचान, उनकी निगरानी एवं परामर्श देने का काम करती हैं, विशेष रूप से अधिक जोखिम वाली गर्भावस्था के सन्दर्भ में | इसके अतिरिक्त, यूनिसेफ पूरे भारत में (SNCU में) कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और डाटा ऑपरेटर्स को बच्चों एवं उनके परिवार की जांच एवं निगरानी सम्बन्धी प्रशिक्षण प्रदान करती है जिससे प्रत्येक बच्चे को जीवन की उचित शुरुआत मिल सके | किसी माँ द्वारा अपने बच्चे को जीवित और बढ़ता हुआ देखने की ख़ुशी का कोई मोल नहीं है |
* - SNCU सरकारी अस्पतालों में नवजात शिशुओं के इलाज के लिए नवीनतम उपकरणों से सुसज्जित एक इकाई है |