लंबे समय तक संघर्ष में रहने वाले बच्चों की हिंसा की अपेक्षा जल जनित बीमारियों से मरने की संभावना तीन गुना अधिक है - यूनिसेफ

22 मार्च 2019
“We can’t imagine our lives without water. It’s really good that we have a water tank next to our tent.” Mujbal and Mutaab are brothers who have been displaced from Al-Qaim, near the Syrian border, for almost a year. 2018.
UNICEF/UN0203985/Jeelo
“We can’t imagine our lives without water. It’s really good that we have a water tank next to our tent.” Mujbal and Mutaab are brothers who have been displaced from Al-Qaim, near the Syrian border, for almost a year. 2018.

न्यूयॉर्क, 22 मार्च 2019 - यूनिसेफ ने आज एक नई रिपोर्ट में कहा है कि संघर्ष से प्रभावित देशों में रहने वाले 15 साल से कम आयु के बच्चे डॉयरिया से संबंधित बीमारियों, जो साफ पानी, साफ-सफाई और स्वच्छता की कमी से होती है, के कारण होने वाली मौतें प्रत्यक्ष हिंसा से होने वाली मौतों से औसतन तीन गुना अधिक होती हैं।

वाटर अंडर फॉयर ने लंबे समय से संघर्षों से गुजर रहे 16 देशों में मृत्यु दर का अवलोकन किया और पाया कि उनमें से अधिकांश देशों में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की प्रत्यक्ष हिंसा की अपेक्षा पानी और स्वच्छता की कमी से जुड़ी डॉयरिया संबंधित बीमारियों से मौतें होने की संभावना 20 गुना अधिक होती है।

यूनिसेफ के एक्जिक्यूटिव डायरेक्‍टर हेनरियेटा फोर ने कहा, “लंबे समय से संघर्षों के बीच रह रहे बच्चों के लिए किसी सुरक्षित जल स्रोत तक पहुंच न होने के कारण विपरित परिस्थितियां पहले से ही मौजूद हैं। वास्तविकता यह है कि गोलियों की अपेक्षा साफ पानी तक पहुंच की कमी से मरने वाले बच्‍चों की संख्‍या अधिक हैं।”

साफ पानी और प्रभावी, साफ-सफाई और स्वच्छता सेवाओं के बिना, बच्चों को कुपोषण और डॉयरिया, टाइफाइड, हैजा और पोलियो जैसी रोकी जा सकने वाली बीमारियों का खतरा है। लड़कियां इन चीजों से विशेष रूप से प्रभावित होती हैं: लड़कियों का यौन हिंसा की चपेट में आने का जोखिम होता है क्योंकि वे पानी लेने अथवा शौच के लिए बाहर जाती हैं। उन्‍हें नहाते समय और अपने मासिक धर्म से जुड़े साफ-सफाई के क्रियाओं के समय तिरस्‍कार का सामना करना पड़ता है। यदि उनके स्कूलों में पानी और स्वच्छता की उपयुक्त सुविधा नहीं होती तो उन्हें मासिक धर्म के दौरान कक्षाएं छोड़नी पड़ती हैं।

संघर्ष के दौरान ये खतरे उस समय और अधिक बढ़ जाते हैं जब जानबूझकर और अंधाधुंध किए जाने वाले हमले बुनियादी ढांचों को नष्ट कर देते हैं, कर्मियों को घायल कर देते हैं और पानी, साफ-सफाई और स्वच्छता प्रणालियां चालू रखने वाली बिजली काट देते हैं। सशस्त्र संघर्ष आवश्यक मरम्मत उपकरणों और उपभोग्य सामग्रियां जैसे ईंधन अथवा क्लोरीन के उपयोग भी सीमित कर देते हैं – जिनका वितरण बंद किया जा सकता है, इन्‍हें कहीं और भेजा जा सकता है अथवा इनकी डिलिवरी बंद की जा सकता है। कई बार, आवश्यक सेवाएं जानबूझकर बंद कर दी जाती हैं।

फोर कहती हैं, “पानी और साफ-सफाई पर जानबूझ कर किए जाने वाले हमले असुरक्षित बच्‍चों पर हमले होते हैं। पानी एक मूल अधिकार है। यह जीवन के लिए आवश्‍यक है।”

यूनिसेफ संघर्षरत देशों में पानी की व्यवस्था को सुधारकर और मरम्मत कर, ट्रकों से पानी की व्यवस्था कर, शौचालय स्थापित कर और स्वच्छता संबंधी प्रथाओं के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देकर साफ पेयजल और पर्याप्त स्वच्छता सेवाएं प्रदान करने के लिए काम करता है।

यूनिसेफ सरकारों और भागीदारों से निम्‍नलिखित का आह्वान करता है:

·         पानी और साफ-सफाई ढ़ांचे और कार्मिकों पर हमले बंद किए जाएं;

·        जीवन रक्षक मानवीय प्रतिक्रियाओं को सभी के लिए निरंतर पानी और साफ-सफाई सिस्‍टम के विकास से जोड़ा जाए;

·         आपातकालीन स्थितियों में उच्‍च गुणवत्‍ता का पानी और साफ-सफाई सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकारी और सहायता एजेंसियों की क्षमता को सुदृढ़ बनाएं।

###

संपादकों के लिए टिप्‍पणियां:

रिपोर्ट में लंबे संघर्ष से जूझ रहे 16 देशों में मृत्यु दर की गणना की गई है, ये देश हैं: अफगानिस्तान, बुर्किना फासो, कैमरून, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, चाड, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, इथियोपिया, इराक, लीबिया, माली, म्यांमार, सोमालिया, दक्षिण सूडान, सूडान, सीरियाई अरब गणराज्य और यमन। लीबिया, इराक और सीरिया को छोड़कर, इन सभी देशों में 15 वर्ष और उससे कम आयु के बच्चों की सामूहिक हिंसा की अपेक्षा पानी से संबंधित बीमारियों से मरने की संभावना अधिक होती है। सीरिया और लीबिया को छोड़कर, पांच साल से कम उम्र के बच्चों की सामूहिक हिंसा की अपेक्षा असुरक्षित वॉश (WASH) से जुड़ी डॉयरिया-बीमारियों से मरने की संभावना लगभग 20 गुना अधिक होती है।

ये अनुमान डब्‍ल्‍यूएचओ द्वारा 2014-2016 के बीच ‘सामूहिक हिंसा’ और ‘असुरक्षित वॉश के कारण होने वाली डॉयरिया संबंधी मौतें’ के मृत्‍यु अनुमानों से प्राप्‍त किए गए थे।  

मल्‍टीमीडिया सामग्री यहां उपलब्‍ध है: https://weshare.unicef.org/Package/2AMZIF3HHUU0

भारतीय संपादकों के लिए टिप्‍पणी

भारत ने पेयजल सेवाओं के क्षेत्र में लगभग सार्वभौमिक कवरेज हासिल कर ली है। हालांकि, अधिकांश ग्रामीण आबादी सतत् विकास लक्ष्य 6 के अंतर्गत परिभाषित सुरक्षित रूप से प्रबंधित पेयजल का उपयोग नहीं कर रही है। इस परिभाषा में ऐसे पानी की उपलब्धता शामिल की गई है जो संदूषण से मुक्त हो और परिसर में ही उपलब्ध हो। इस परिभाषा के अंतर्गत, बेसलाइन दर्शाती है कि केवल 49 प्रतिशत ग्रामीण आबादी के लिए ही सुरक्षित रूप से प्रबंधित पेयजल उपलब्‍ध है।

भारत में बढ़ती पर्यावरणीय चुनौतियों की पृष्ठभूमि में ग्रामीण भारतीय आबादी को सुरक्षित रूप से प्रबंधित पेयजल उपलब्‍ध कराने की निरंतर आवश्यकता है। वर्ष 2016 में 302 जिलों के लगभग 33 करोड़ लोग सूखे से प्रभावित थे, और भारत के आधे राज्यों में बाढ़ का खतरा होता है। जलजनित रोगों और खराब स्वच्छता की वजह से मौतों की संख्‍या अधिक है - इनमें अधिकांश मौतों की रोकथाम की जा सकती है अथवा इनका उपचार किया जा सकता है। वर्ष 2015 में, भारत में वार्षिक रूप से लगभग 1,17,300 बच्चों की मृत्यु अथवा दैनिक रूप से 320 बच्चों की मृत्‍यु डॉयरिया संबंधी बीमारियों से हुई। अनुमान है कि भारत में जलजनित रोगों का वार्षिक आर्थिक बोझ लगभग 42 अरब रुपए है।

यूनिसेफ के बारे में

यूनिसेफ सबसे वंचित बच्चों तक पहुंचने के लिए, दुनिया के कुछ सबसे कठिन स्थानों में काम करता है। हम 190 देशों और क्षेत्रों में, प्रत्‍येक बच्‍चे के लिए बेहतर दुनिया बनाने हेतु हर बच्चे के लिए, हर जगह काम करते हैं। यूनिसेफ और इसके कार्यों की अधिक जानकारी पाने के लिए www.unicef.org पर जाएं।

हमें ट्विटर और फेसबुक पर फॉलो करें।

यूनिसेफ इंडिया और इसके कार्यों की अधिक जानकारी पाने के लिए www.unicef.in पर जाएं। हमें ट्विटर और फेसबुक पर फॉलो करें।

यूनिसेफ इंडिया भारत में सभी लड़कियों और लड़कों के लिए स्‍वास्‍थ्‍य, पोषण, पानी और स्‍वच्‍छता, शिक्षा और बाल सुरक्षा कार्यक्रमों को बनाए रखने और इनका विस्‍तार करने के लिए व्यवसायिक और व्‍यक्तिगत तौर पर प्राप्‍त सहायता और चंदे पर निर्भर है। आज ही हमारी मदद करें ताकि प्रत्‍येक बच्‍चा जीवित रह सके और फल-फूल सके! www.unicef.in/donate

यूनिसेफ इंडिया के लिए http://unicef.in/ पर जाएं और हमें ट्विटर, फेसबुक, इंस्‍टाग्राम, गूगल+ और लिंक्‍डइन पर फॉलो करें।

यूनिसेफ इंडिया भारत में सभी लड़कियों और लड़कों के लिए स्‍वास्‍थ्‍य, पोषण, पानी और स्‍वच्‍छता, शिक्षा और बाल सुरक्षा कार्यक्रमों को बनाए रखने और इनका विस्‍तार करने के लिए बिजनेस और व्‍यक्तिगत तौर पर प्राप्‍त सहायता और चंदे पर निर्भर है। आज ही हमारी मदद करें ताकि प्रत्‍येक बच्‍चा जीवित रह सके और फल-फूल सके! www.unicef.in/donate

मीडिया संपर्क

Sonia Sarkar
Communication Officer (Media)
UNICEF
टेल: +91-981 01 70289
ईमेल: ssarkar@unicef.org

यूनिसेफ के बारे में

यूनिसेफ अपने हर काम में, हर बच्चे के अधिकारों और भलाई को बढ़ावा देता है। अपने सहभागियों के साथ, हम 190 देशों और प्रदेशों में इस संकल्प को कार्यरत करते हैं, और सबसे विशेष ध्यान उन बच्चों पर देते हैं जो सबसे ज़्यादा वंचित हैं और जोख़िम में हैं, ताकि हर जगह, हर एक बच्चे को लाभ हो।

भारत के सभी बालक और बालिकाओं के लिए स्वास्थ्य, पोषण, जल एवं स्वच्छता, शिक्षा और बाल संरक्षण कार्यक्रम चलाने के लिए यूनिसेफ इंडिया उद्योगों तथा व्यक्तियों द्वारा दिए गए दान और सहायता पर निर्भर है। हर बच्चे को जीवित रहने एवं फलने-फूलने में मदद करने के लिए आज ही हमे प्रोत्साहन दें! www.unicef.in/donate

यूनिसेफ इंडिया और हमारे काम के बारे में अधिक जानने के लिए, www.unicef.in पर जाएँ। TwitterFacebookInstagramGoogle+ और LinkedIn पर हमें फॉलो करें।