थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन, यूनिसेफ और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन ने स्वास्थ्य पत्रकारों के लिए ‘क्रिटिकल अप्रेज़ल स्किल्स’ नामक ऑनलाइन कोर्स शुरू किया
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नई दिल्ली, भारत, 24 अप्रैल 2018 – वर्ल्ड इम्यूनाइजेशन वीक (विश्व टीकाकरण सप्ताह), 24-30 अप्रैल, 2018 के दौरान दुनिया भर में मनाया जा रहा है। इस सप्ताह के दौरान, यूनिसेफ ने स्वास्थ्य पत्रकारों के लिए ‘क्रिटिकल अप्रेज़ल स्किल्स’ (CAS) अर्थात समीक्षात्मक मूल्यांकन कौशल पर पाठ्यक्रम का ऑनलाइन संस्करण लॉन्च किया। इस कोर्स की अवधारणा थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सहयोग से की गई है। यह पाठ्यक्रम प्रवेश-स्तर और मध्य-स्तर के स्वास्थ्य संवाददाताओं के लिए उपलब्ध है। इसका उद्देश्य तथ्यात्मक और गैर-सनसनीखेज रिपोर्ट तैयार करने के लिए मीडिया प्रतिनिधियों की क्षमताओं को बढ़ाना है।
प्रमाणों से पता चलता है कि एक अच्छी तरह से खोज करके और सबूतों पर तैयार की गई खबर बड़े पैमाने पर किसी सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल, जैसे नियमित टीकाकरण कार्यक्रमों, के बारे में किसी भी अफवाह को कम करने में मदद कर सकती है । ऐसी खबरें मिथकों और आशंकाओं को दूर करने में भी मदद करती हैं और सक्रिय सार्वजनिक भागीदारी सुनिश्चित करती हैं। इस तरह यह बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य पहल की सफलता सुनिश्चित करने का महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन जाती हैं।
जनवरी 2018 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन ने इस पाठ्यक्रम को उन आठ संचार धाराओं के भीतर एक मॉड्यूल के रूप में शामिल किया, जो कि वहां वर्तमान में पढाई जाती हैं। इंस्टीट्यूट के महानिदेशक श्री के जी सुरेश ने इसके प्रारम्भ के दौरान कहा, “यह पाठ्यक्रम पत्रकारिता के छात्रों को कौशल और दक्षता प्रदान करता है, और उन्हें विश्वसनीयता और प्रासंगिकता के साथ स्वास्थ्य संबंधी जानकारी का नए खोजों और विश्लेषण करने में सक्षम बनाता है, जिससे उनकी रिपोर्टिंग की सटीकता में सुधार होगा।"
यदि लाभार्थियों की संख्या, भौगोलिक विस्तार और इस्तेमाल किए जाने वाले टीकों की संख्या को देखें तो भारत का टीकाकरण कार्यक्रम दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक है, जिसमें प्रतिवर्ष टीकाकरण के लिए लगभग 2.6 करोड़ नवजात शिशुओं का लक्ष्य होता हैं। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश भर में 90 लाख से अधिक टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाते हैं। फिर भी, भारत में केवल 62 प्रतिशत बच्चे अपने जीवन के पहले वर्ष के दौरान पूर्ण टीकाकरण प्राप्त कर पाते हैं।
निकोलस बैले, डायरेक्टर, जर्नलिज्म एंड मीडिया प्रोग्राम्स, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन ने कहा, “इस पहल के साथ, हम भारतीय पत्रकारों को रॉयटर्स के सत्य और निष्पक्षता के सिद्धांतों को अपनाकर टीकाकरण और माँ और बच्चे के स्वास्थ्य पर उनकी रिपोर्टिंग के लिए लागू करने का प्रशिक्षण देंगे। जन संवाद को आकार देने में मीडिया एक आवश्यक भूमिका निभाता है, और हम इस मुद्दे पर पत्रकारों की एक नई पीढ़ी को सामाजिक और आर्थिक विकास के विषयों पर प्रकाश डालने के लिए प्रेरित करने की उम्मीद करते हैं। ”
इस अवसर पर बोलते हुए, भारत में यूनिसेफ की प्रतिनिधि डॉ यास्मीन अली हक ने कहा, “मीडिया हमारे प्रमुख भागीदारों में से एक है। यह पाठ्यक्रम देशभर के स्वास्थ्य संवाददाताओं के लिए अपनी रिपोर्टिंग में प्रमाण, जो की पत्रकारिता का एक अहम हिस्सा है, को जोड़ने का अवसर देगा। यह टीकों की ज़रूरत और करोड़ों बच्चों की जान बचाने में टीकाकरण के महत्व पर विश्वसनीय संदेशों को फ़ैलाने में संवाददाताओं की सहायता भी करेगा। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मीडिया सहित कई भागीदारों के सहयोग और प्रयासों के साथ-साथ भारत सरकार के नेतृत्व ने टीकाकरण के लिए एक सकारात्मक प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। इसके परिणामस्वरूप टीकाकरण कवरेज में 6 वर्षों में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह ख़ुशी की बात है, क्योंकि बाल जीवन रक्षा के साथ-साथ इस से सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलता है।"
यह मुफ्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम यूनिसेफ के 'एवरी चाइल्ड, अलाइव’ अभियान की पृष्ठभूमि में शुरू किया गया है, जो नवजात मृत्यु दर को कम करने पर केंद्रित है, और यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि प्रत्येक बच्चा जन्म के बाद के दिनों, हफ्तों और महीनों में जीवित और स्वस्थ रहे।
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