स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में वॉश
स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में साफ पानी, साफ़ सफाई और स्वच्छता जीवन की रक्षा करता है।

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भारत में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में पानी, सफाई और स्वच्छता (वॉश) की कमी नवजात शिशुओं की मृत्यु का एक कारण है, जिसकी दर आज प्रति 1000 जीवित जन्में शिशुओं में 26 है।मुख्य रूप से यह स्वास्थ्य सुविधाओं में संक्रमण (इनफ़ेक्शन) की रोक थाम में कमी के कारण होता है।
वॉश की खराब सुविधाओं वाले अस्पतालों में मातृ मृत्यु दर भी अधिक पाई जाती है।पानी और स्वच्छता की उपलब्धता की कमी के कारण, महिलाओं को अभी भी संस्थागत प्रसव से उदासीनता रहती है या वे स्वास्थ्य-सलाह लेने में देरी करती हैं।
भारत में, केवल 19.2 प्रतिशत प्रसव कक्ष और 3.2 प्रतिशत प्रसव के बाद देखभाल के लिए उपयोग किए जाने वाले वार्डों में उपयुक्त (चालू) शौचालय मौजूद हैं। सेप्सिस, जो ज्यादातर स्वास्थ्य सुविधाओं में फैली हुई बीमारी है, कुल मिलाकर नवजात मृत्युदर में 15 प्रतिशत और मातृ मृत्युदर में 11 प्रतिशत का कारण है। हालाँकि, समस्या यहीं समाप्त नहीं हो जाती, क्योंकि उन्हें एक ऐसे समुदाय में घर वापस लाया जाता है जहां शौचालय का अभाव है।
अन्य प्रमुख चुनौतियों में वॉश प्रशिक्षित लोगों (मानवसंसाधन) की कमी,पर्याप्त योजनाओं की कमी और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में वॉश को लागू करने के लिए कम वित्त पोषण तथा निगरानी व मूल्यांकन की कमी भी शामिल हैं।
स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में अपर्याप्त वॉश का आर्थिक बोझ भी है, क्योंकि स्वास्थ्य सेवा चिकित्सा लागत मेंवृद्धि,और परिवार के बीमार सदस्यों की देखभाल के लिए कार्य पर नहीं जाने से उनकी मजदूरी में भी कमी आती है। साल 2011की ग्लोबल एंटी बायोटिक रेसिस्टेंस पार्टनरशिप रिपोर्ट ने निष्कर्ष दिया है कि भारत में अस्पताल-जन्य संक्रमणों (छूत) की एक बड़ी संख्या को संक्रमण नियंत्रण बढ़ा कर रोका जा सकता है, जिसमें बारबार हाथ धोने जैसी स्वच्छता की आदतों को प्रोत्साहित करना शामिल है।
अस्पतालों की सफाई एवं स्वच्छता सुनिश्चित करना
स्वास्थ्य देखभाल संस्थाओं में अच्छी वॉश सुविधाएं संक्रमण और बीमारी को फैलने से रोकने,कर्मचारियों और रोगियों की रक्षा करने और गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों सहित संवेदनशील आबादी की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए काम करती हैं।स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में वॉश पर ध्यान केन्द्रित करना, सुरक्षित जल प्रबंधन,शौचालय के उपयोग और माताओं और उनके छोटे बच्चों के बीच साबुन से हाथ धोने को प्रोत्साहित करने का एक अनोखा अवसर है।
यूनिसेफ स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में वॉश के कार्य क्षेत्र को बढ़ाने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम करता है, और हमारा दृष्टि कोण प्रमाण आधारित है।हमारे कार्यों में अंतराल-आंकलन, ज़मीनी स्तर पर काम करने वाले मॉडल का प्रदर्शन, और योजना,प्रबंधन तथा निगरानी में मदद करने के लिए सफल संस्थागत वॉश मॉडल का विस्तार करना शामिल है।
साल 2015 में,स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने यूनिसेफ केस हयोग से स्वच्छता को बढ़ावा देने में स्वास्थ्य सुविधाओं की उत्कृष्टता को पहचानने और पुरस्कृत करने के लिए “कायाकल्प” योजना की शुरुआत की,जिससे स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। “कायाकल्प” प्रत्येक राज्य में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई टीम बाहरी मूल्यांकन के आधार पर सभी स्तरों पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं को पुरस्कृत करने हेतु सरकार की एक योजना है।
यूनिसेफ स्वास्थ्य सुविधाओं में वॉश पर ध्यान केंद्रित करने संबंधी आवश्यकता पर ज्ञान और सूचना साझा करने के लिए राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर के हितधारकों की क्षमता निर्माण में सहयोग करता है।
इसमें सुविधा सुधार योजनाओं के विकास और कार्यक्रम कार्यान्वयन के लिए सहायक देखरेख प्रदान किए जाने के बाद एक मूल्यांकन का संचालन करने के तरीके पर मार्गदर्शन प्रदान किया जाना शामिल है।हमारे प्रयास वॉश हेतु बुनियादी ढांचे में सुधार करने की ओर भी अग्रसरहै,और राज्य प्रशिक्षण संस्थानों की स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में इन प्रथाओं का समर्थन करने की ओर भी निर्देशित हैं।
यूनिसेफ इसकी निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए वॉश के बुनियादी ढांचों और स्वास्थ्य सुविधाओं में इन प्रथाओं की निरंतर निगरानी का समर्थन करता है।
हम स्वास्थ्य सुविधाओं में वॉश सुविधाओं की स्थिति के आंकलन की प्रक्रिया का भी समर्थन करते हैं,जो स्वास्थ्य विभाग के राज्य और जिलास्तर के कर्मचारियों की भागीदारी के साथ पूर्ण की जाती हैं।