अपने बच्चे का टीकाकरण शेड्यूल जानिए

यहाँ आपके बच्चे के टीकाकरण से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी दी गई है

UNICEF
Shilpa Kadam with her son Mayuresh Kadam during a routine immunization at the Government hospital in Kolhapur in Indian state of Maharashtra
UNICEF/UN0558980/Singh

टीकाकरण बच्चों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। टीकाकरण ने इतिहास में भी लाखों बच्चों को संक्रामक और जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित रखने में मदद की है।

टीकाकरण की डोज अब पहले से ज्यादा प्रभावी रूप से काम करती है। पहले जो बीमारियां गंभीर होती थी, वह अब पूरी तरह से समाप्त हो चुकी हैं, या फिर उन्हें टीकाकरण से कंट्रोल किया जा सकता है। हालांकि, फिर भी कई नई गंभीर बीमारियां उभरकर सामने आ रही हैं, ऐसे में बच्चों का टीकाकरण और भी जरूरी हो गया है।

टीके की डोज सबसे ज़्यादा प्रभावी तब होती हैं जब उसे सही उम्र में और उचित खुराक के साथ बच्चों को दिया जाये, क्योंकि बच्चे कुछ खास उम्र में कुछ बीमारियों के प्रति संवेदनशील होते हैं। उदाहरण के लिए, पोलियो सबसे ज़्यादा 5 साल से कम उम्र के बच्चों में होता है। इस वजह से, पोलियो के टीके उसी उम्र के बच्चों को दिए जाते हैं, ताकि बीमारी से फैलने वाले संक्रमण को रोका जा सके। जिस बच्चे को टीका नहीं लगाया जाता है या समय पर टीका नहीं लगाया जाता है, वह असुरक्षित रहता है और उसके गंभीर रूप से बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है।

जन्म के समय

बैसिलस कैलमेट ग्यूरिन (बीसीजी)

  • यह एक खुराक वाला टीका है।
  • ऊपरी बांह पर इंजेक्शन के जरिये खुराक दी जाती है।
  • यह टीका तपेदिक के संक्रमण से बचाता।
  • टीके के संभावित दुष्प्रभाव:
  • जहां इंजेक्शन दिया गया था वहां दर्द या स्राव हो सकता है।
  • शरीर का उच्च तापमान रहता है।
  • सिरदर्द होता है।
  • जिस बांह पर टीका लगाया गया था, उस बांह पर सूजन आ सकती है।

ओरल पोलियो वैक्सीन (ओपीवी) – 0 खुराक

  • यह बच्चों को जन्म के समय दी जाने वाली पहली खुराक है। अगली खुराक तब ली जाती है जब आपका बच्चा 6 सप्ताह का होता है, तीसरी खुराक 10 सप्ताह की उम्र में और अंतिम खुराक 14 सप्ताह की उम्र में दी जाती है।
  • यह खुराक बच्चों को (ओरल) मुंह से दी जाती है
  • यह टीका पोलियो वायरस से बचाता है जो एक संक्रामक बीमारी है। यह बच्चों के तंत्रिका तंत्र पर आक्रमण करती है और लकवा का कारण बन सकती है। यह वायरस 5 वर्ष और उससे कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है।
  • इस टीके के दुष्प्रभाव:
  • इस टीके से जुड़े कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं।

हेपेटाइटिस बी जन्म खुराक

  • यह एक बार दी जाने वाली खुराक का टीका है।
  • इंजेक्शन के जरिये इसे बच्चे के शरीर में लगाया जाता है।
  • यह टीका हेपेटाइटिस बी से बचाता है, जो एक वायरल संक्रमण है। यह संक्रमण लीवर पर हमला करता है और एक्यूट व क्रोनिक दोनों तरह की बीमारी पैदा कर सकता है।
  • इस टीके के दुष्प्रभाव:
  • जहाँ इंजेक्शन लगाया जाता है, वहां से त्वचा का लाल होना और दर्द होना लाजमी है।
  • यह एक निष्क्रिय (मृत) टीका है, इसलिए यह स्वयं संक्रमण का कारण नहीं बन सकता।

6 सप्ताह के बच्चे का टीकाकरण

ओरल पोलियो वैक्सीन (ओपीवी) - 1

  • यह बच्चे को जन्म के 6 सप्ताह के अंदर दी जाने वाली दूसरी ओपीवी खुराक है। अगली खुराक तब ली जाती है जब आपका बच्चा 10 सप्ताह का हो और आखिरी खुराक 14 सप्ताह की उम्र में।
  • यह मुंह से दी जाने वाली ओरल खुराक है।
  • यह टीका पोलियो वायरस से बचाता है, जो एक संक्रामक बीमारी है जो तंत्रिका तंत्र पर आक्रमण करती है और लकवा का कारण बन सकती है। यह वायरस मुख्य रूप से 5 वर्ष और उससे कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है।
  • इस टीके के दुष्प्रभाव:
  • इस टीके से जुड़े कोई सामान्य दुष्प्रभाव नहीं हैं।

पेंटावेलेंट - 1

  • यह बच्चे को 6 सप्ताह की उम्र में दी जाने वाली पहली खुराक है। अगली खुराक तब ली जाती है जब आपका बच्चा 10 सप्ताह का हो और आखिरी खुराक 14 सप्ताह की उम्र में।
  • यह खुराक इंजेक्शन के जरिये बच्चे को दी जाती है।
  • यह टीका डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस, हेपेटाइटिस बी और हिब से सुरक्षा प्रदान करता है।
  • इस टीके के संभावित दुष्प्रभाव:
  • इंजेक्शन लगायी गई जगह पर सूजन आना, लाल होना और दर्द हो सकता है।
  • टीकाकरण के बाद बच्चों को थोड़े समय के लिए बुखार हो सकता है।
  • लक्षण आमतौर पर टीकाकरण के अगले दिन दिखाई देते हैं और 1-3 दिनों तक रहते हैं।

रोटावायरस वैक्सीन (आरवीवी) - 1

  • यह तीन खुराकों में से पहली खुराक है। दूसरी खुराक तब ली जाती है जब आपका बच्चा 10 सप्ताह का होता है और आखिरी खुराक 14 सप्ताह की उम्र में ली जाती है।
  • यह मुँह से दी जाने वाली ओरल खुराक है।
  • यह टीका रोटावायरस से सुरक्षा करता है जो शिशुओं और छोटे बच्चों में गंभीर दस्त की बीमारी का सबसे अहम कारण होते हैं।
  • इस टीके के दुष्प्रभाव:
  • दुष्प्रभाव कम होते हैं, इसमें दस्त, उल्टी और जलन शामिल हो सकते हैं

न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) - 1*

  • पीसीवी की दो खुराकों में से पहली खुराक है। दूसरी खुराक तब दी जाती है, जब आपका बच्चा 14 सप्ताह का हो जाता है।
  • यह खुराक इंजेक्शन के जरिये दी जाती है।
  • यह वैक्सीन मेनिन्जाइटिस, सेप्टीसीमिया और निमोनिया से लेकर साइनसाइटिस और ओटिटिस मीडिया जैसे हल्के संक्रमणों से बच्चों की सुरक्षा करती है।
  • इस वैक्सीन के दुष्प्रभाव:
  • जहां इंजेक्शन लगा है वहां त्वचा का लाल होना।
  • इंजेक्शन लगने की जगह पर सूजन होना।
  • खुराक लगने की जगह दर्द होता और त्वचा कोमल हो जाती है।
  • बच्चे के शरीर का तापमान बढ़ सकता है, बुखार भी हो सकता है।
  • इंजेक्शन लगने के बाद बच्चे को भूख कम लगती है।
  • खुराक से बच्चे की (क्रैंकीनैस) चिड़चिड़ापन भी बढ़ सकता है। 
  • सिरदर्द और थकान महसूस होना
  • मांसपेशियों में दर्द या जोड़ों में दर्द
  • इससे बच्चे को ठंड लगती है।

निष्क्रिय पोलियो वैक्सीन (fIPV) - 1

  • fIPV की दो खुराकों में से पहली खुराक है। दूसरी खुराक आपके बच्चे को 14 सप्ताह में दी जाती है।
  • यह बच्चे को इंजेक्शन के जरिये लगाई जाती है।
  • यह वैक्सीन पोलियो वायरस से सुरक्षा करती है, जो एक संक्रामक वायरल बीमारी है। यह 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है।
  • इस वैक्सीन के दुष्प्रभाव:
  • शरीरदर्द
  • बुखार

10 सप्ताह के बच्चे का टीकाकरण

पेंटावेलेंट - 2

  • दूसरी खुराक तब दी जाती है जब आपका बच्चा 10 सप्ताह का हो और आखिरी खुराक 14 सप्ताह की उम्र में दिलाई जाती है।
  • यह खुराक इंजेक्शन के जरिये दी जाती है।
  • यह टीका डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस, हेपेटाइटिस बी और हिब से सुरक्षा करता है।
  • इस टीके के दुष्प्रभाव:
  • इंजेक्शन दिए जाने वाले स्थान पर सूजन, लाल होना और दर्द हो सकता है।
  • टीकाकरण के बाद बच्चों को थोड़े समय के लिए बुखार हो सकता है।
  • लक्षण आमतौर पर टीकाकरण के अगले दिन दिखाई देते हैं और 1-3 दिनों तक रहते हैं।

ओरल पोलियो वैक्सीन (ओपीवी) - 2

  • यह तीसरी ओपीवी खुराक है जो आपके बच्चे की उम्र 10 सप्ताह होने पर दी जाती है। आखिरी खुराक तब दी जाती है जब बच्चा 14 सप्ताह का होता है।
  • यह खुराक ओरल मुंह से दी जाती है।
  • यह टीका पोलियो वायरस से बचाता है जो संक्रामक बीमारी है। यह तंत्रिका तंत्र पर आक्रमण करती है और इससे लकवा होने का खतरा बना रहता है। यह वायरस 5 वर्ष और उससे कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है।
  • इस टीके के दुष्प्रभाव:
  • इस टीके से जुड़े कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं।

रोटावायरस वैक्सीन (आरवीवी) - 2

  • इसकी दूसरी खुराक तब दी जाती है जब आपका बच्चा 10 सप्ताह का हो और आखिरी खुराक 14 सप्ताह की उम्र में।
  • यह खुराक बच्चे के शरीर में इंजेक्शन के जरिये दी जाती है।
  • इसके अलावा खुराक को ओरल रूप से मुंह के जरिये भी दे सकते हैं।
  • यह टीका रोटावायरस से सुरक्षा करता है जो शिशुओं और छोटे बच्चों में गंभीर दस्त की बीमारी का का कारण बनते हैं।
  • इस टीके के दुष्प्रभाव:
  • टीके के दुष्प्रभाव दुर्लभ और हल्के होते हैं
  • इसमें दस्त, उल्टी और जलन शामिल हो सकते हैं

14 सप्ताह के बच्चे का टीकाकरण

पेंटावेलेंट - 3

  • यह 14 सप्ताह की उम्र में ली जाने वाली पेंटावेलेंट वैक्सीन की आखिरी खुराक है।
  • यह खुराक बच्चे के शरीर में इंजेक्शन के जरिये दी जाती है।
  • यह वैक्सीन डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस, हेपेटाइटिस बी और हिब से सुरक्षा करती है।
  • इस वैक्सीन के दुष्प्रभाव:
  • इंजेक्शन दिए जाने वाले स्थान पर सूजन, लालिमा और दर्द हो सकता है।
  • टीकाकरण के बाद बच्चों को थोड़े समय के लिए बुखार हो सकता है।
  • आमतौर पर लक्षण टीकाकरण के अगले दिन दिखाई देते हैं और 1-3 दिनों तक रहते हैं।

ओरल पोलियो वैक्सीन (ओपीवी) - 3

  • यह आखिरी ओपीवी खुराक है जिसे आपके बच्चे की उम्र 14 सप्ताह होने पर दिया जाता है।
  • यह खुराक ओरल मुंह से दी जाती है।
  • यह टीका पोलियो वायरस से बचाता है जो संक्रामक बीमारी है। यह तंत्रिका तंत्र पर आक्रमण करती है और इससे लकवा होने का खतरा बना रहता है। यह वायरस 5 वर्ष और उससे कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है।
  • इस टीके के दुष्प्रभाव:
  • इस टीके से जुड़े कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं।

रोटावायरस वैक्सीन (आर.वी.वी.) - 3

  • यह आखिरी आर.वी.वी. खुराक है जो आपके बच्चे की उम्र 14 सप्ताह होने पर दी जाती है।
  • यह खुराक बच्चे के शरीर में इंजेक्शन के जरिये दी जाती है।
  • इसके अलावा खुराक को ओरल रूप से मुंह के जरिये भी दे सकते हैं।
  • यह टीका रोटावायरस से सुरक्षा करता है जो शिशुओं और छोटे बच्चों में गंभीर दस्त की बीमारी का का कारण बनते हैं।
  • इस टीके के दुष्प्रभाव:
  • टीके के दुष्प्रभाव दुर्लभ और हल्के होते हैं
  • इसमें दस्त, उल्टी और जलन शामिल हो सकते हैं

न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) - 2

  • पीसीवी की दो खुराकों में से दूसरी खुराक है। दूसरी खुराक तब दी जाती है, जब आपका बच्चा 14 सप्ताह का हो जाता है।
  • यह खुराक इंजेक्शन के जरिये दी जाती है।
  • यह वैक्सीन मेनिन्जाइटिस, सेप्टीसीमिया और निमोनिया से लेकर साइनसाइटिस और ओटिटिस मीडिया जैसे हल्के संक्रमणों से बच्चों की सुरक्षा करती है।
  • इस वैक्सीन के दुष्प्रभाव:
  • जहां इंजेक्शन लगा है वहां त्वचा का लाल होना।
  • इंजेक्शन लगने की जगह पर सूजन होना।
  • खुराक लगने की जगह दर्द होता और त्वचा कोमल हो जाती है।
  • बच्चे के शरीर का तापमान बढ़ सकता है, बुखार भी हो सकता है।
  • इंजेक्शन लगने के बाद बच्चे को भूख कम लगती है।
  • खुराक से बच्चे की (क्रैंकीनैस) चिड़चिड़ापन भी बढ़ सकता है।
  • थकान महसूस होना
  • सिरदर्द
  • मांसपेशियों में दर्द या जोड़ों में दर्द
  • इससे बच्चे को ठंड लगती है।

निष्क्रिय पोलियो वैक्सीन (fIPV) - 2

  • fIPV की दो खुराकों में से दूसरी खुराक है। यह खुराक आपके बच्चे को 14 सप्ताह में दी जाती है।
  • यह बच्चे को इंजेक्शन के जरिये लगाई जाती है।
  • यह वैक्सीन पोलियो वायरस से सुरक्षा करती है, जो एक संक्रामक वायरल बीमारी है। यह 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है।
  • इस वैक्सीन के दुष्प्रभाव:
  • शरीरदर्द
  • बुखार

9-12 महीने के बच्चे का टीकाकरण

खसरा और रूबेला (एमआर) - 1

  • एमआर वैक्सीन की दो खुराकों में से पहली खुराक। दूसरी खुराक 16-24 महीने की उम्र के बीच दी जाती है।
  • यह खुराक बच्चे को इंजेक्शन के जरिये लगाई जाती है।
  • यह वैक्सीन खसरा और रूबेला से सुरक्षा करती है। खसरा एक बहुत ही संक्रामक रोग है, जो बुखार, खांसी, नाक बहना, लाल आंखें तथा शरीर पर दाने पैदा कर सकता है।
  • इस वैक्सीन के दुष्प्रभाव:
  • इस खुराक के बाद 2 से 3 दिनों तक लालिमा, सूजन और दर्द महसूस होता है।
  • इंजेक्शन के लगभग 7 से 11 दिनों के बाद, शिशुओं या छोटे बच्चों को लगभग 2 या 3 दिनों तक थोड़ी अस्वस्थता या तेज़ बुखार महसूस हो सकता है

जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई-1) **

  • जेई-1 वैक्सीन की दो खुराकों में से पहली खुराक। दूसरी खुराक आपके बच्चे को 16-24 महीने के बीच दी जाती है।
  • यह खुराक बच्चे को इंजेक्शन के जरिये लगाई जाती है।
  • जापानी एन्सेफलाइटिस ( जेई) का टीका जापानी एन्सेफलाइटिस को रोक सकता है। जापानी एन्सेफलाइटिस मुख्य रूप से एशिया और पश्चिमी प्रशांत के कई हिस्सों में होता है, खासकर ग्रामीण इलाकों में। यह संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है।
  • इस वैक्सीन के दुष्प्रभाव:
  • टीकाकरण शॉट के आसपास दर्द, कोमलता, लालिमा या सूजन, बुखार, सिरदर्द या मांसपेशियों में दर्द आदि होता है।
  • बच्चों को बुखार होता है, कभी-कभी नहीं भी होता।
  • वयस्कों में सिरदर्द या मांसपेशियों में दर्द होता है।

न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन - बूस्टर*

  • यह एक बार दी जाने वाली खुराक का टीका है।
  • इसे बच्चे को इंजेक्शन के जरिये दिया जाता है।
  • यह टीका निमोनिया, कान के संक्रमण, साइनस संक्रमण, मेनिन्जाइटिस, बैक्टीरिया से सुरक्षा करता है।
  • इस टीके के दुष्प्रभाव:
  • टीकाकरण शॉट की जगह लालिमा और सूजन होना।
  • बच्चे को खुराक देने के बाद भूख न लगना, या कम भूख लगना।
  • बच्चे का चिड़चिड़ापन, बुखार और रोना बढ़ जाना।

16-24 महीने के बच्चे का टीकाकरण

खसरा और रूबेला (एमआर) - 2

  • एमआर वैक्सीन की दो खुराकों में से दूसरी खुराक आपके बच्चे को 16-24 महीने के बीच लेनी चाहिए।
  • इसे बच्चे को इंजेक्शन के जरिये दिया जाता है।
  • यह वैक्सीन खसरा और रूबेला से सुरक्षा करती है। खसरा एक बहुत ही संक्रामक रोग है, जो बुखार, खांसी, नाक बहना, लाल आंखें तथा शरीर पर दाने पैदा कर सकता है।
  • रूबेला (जर्मन खसरा) एक हल्का वायरल संक्रमण है जो आमतौर पर बच्चों और बचपन में खुराक न लेने वाले युवा वयस्कों में होता है। इसकी पहचान चेहरे पर उभरने वाले दाने से होती है जो शरीर के बाकी हिस्सों में फैल जाते हैं , और यह अन्य लक्षण भी पैदा कर सकता है जैसे हल्का बुखार, जोड़ों में दर्द और सिरदर्द।
  • इस वैक्सीन के दुष्प्रभाव:
  • टीकाकरण शॉट की जगह लाल, सूजा हुआ और 2 से 3 दिनों तक दर्द महसूस होता है।
  • इंजेक्शन के लगभग 7 से 11 दिनों के बाद, शिशुओं या छोटे बच्चों को थोड़ा अस्वस्थ महसूस हो सकता है या लगभग 2 या 3 दिनों तक तेज़ बुखार हो सकता है।

जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई-2) **

  • जेई-1 वैक्सीन की दो खुराकों में से अंतिम खुराक। दूसरी खुराक आपके बच्चे को 16-24 महीने के बीच दी जाती है।
  • यह खुराक बच्चे को इंजेक्शन के जरिये लगाई जाती है।
  • जापानी एन्सेफलाइटिस ( जेई) का टीका जापानी एन्सेफलाइटिस को रोक सकता है। जापानी एन्सेफलाइटिस मुख्य रूप से एशिया और पश्चिमी प्रशांत के कई हिस्सों में होता है, खासकर ग्रामीण इलाकों में। यह संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है।
  • इस वैक्सीन के दुष्प्रभाव:
  • टीकाकरण शॉट के आसपास दर्द, कोमलता, लालिमा या सूजन, बुखार, सिरदर्द या मांसपेशियों में दर्द आदि होता है।
  • बच्चों को बुखार होता है, कभी-कभी नहीं भी होता।
  • वयस्कों में सिरदर्द या मांसपेशियों में दर्द होता है।

डिप्थीरिया पर्टुसिस और टेटनस (DPT) - बूस्टर 1

  • DPT वैक्सीन की दो खुराकों में से पहली खुराक। दूसरी खुराक आपके बच्चे को 5-6 साल की उम्र के बीच दी जाती है।
  • यह खुराक बच्चे को इंजेक्शन के जरिये लगाई जाती है।
  • यह वैक्सीन डिप्थीरिया, पर्टुसिस और टेटनस से सुरक्षा करती है।
  • इस वैक्सीन के दुष्प्रभाव:
  • टीका शॉट के आस-पास दर्द या सूजन होना।
  • बच्चे को बुखार होना।
  • पेट में जलन होना।
  • बच्चे को खुराक का असर रहने तक थकावट होना।
  • भूख न लगना और उल्टी आना सामान्य लक्षण हैं।

ओरल पोलियो वैक्सीन – बूस्टर

  • यह एक बार दी जाने वाली खुराक का टीका है।
  • इस खुराक को ओरल रूप से मुंह के जरिये दिया जाता है।
  • यह टीका पोलियो वायरस से बचाता है, जो संक्रामक रोग है। यह वायरस तंत्रिका तंत्र पर आक्रमण करता है और लकवे (पैरालिसिस) का कारण बन सकता है। यह वायरस मुख्य रूप से 5 वर्ष और उससे कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है।
  • इस टीके के दुष्प्रभाव:
  • इस टीके से जुड़े कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं।

5-6 वर्षीय बच्चे का टीकाकरण

डिप्थीरिया पर्टुसिस और टेटनस (DPT) - बूस्टर 2

  • DPT वैक्सीन की दो खुराकों में से दूसरी खुराक। दूसरी खुराक आपके बच्चे को 5-6 साल की उम्र के बीच दी जाती है।
  • यह खुराक बच्चे को इंजेक्शन के जरिये लगाई जाती है।
  • यह वैक्सीन डिप्थीरिया, पर्टुसिस और टेटनस से सुरक्षा करती है।
  • इस वैक्सीन के दुष्प्रभाव:
  • टीका शॉट के आस-पास दर्द या सूजन होना।
  • बच्चे को बुखार होना।
  • पेट में जलन होना।
  • बच्चे को खुराक का असर रहने तक थकावट होना।
  • भूख न लगना और उल्टी आना सामान्य लक्षण हैं।

10 वर्षीय बच्चे का टीकाकरण

टेटनस और वयस्क डिप्थीरिया (टीडी)

  • यह एक बार दी जाने वाली खुराक का टीका है।
  • यह खुराक बच्चे को इंजेक्शन के जरिये लगाई जाती है।
  • यह टीका टेटनस से सुरक्षा प्रदान करता है जो बैक्टीरिया क्लोस्ट्रीडियम टेटानी के बीजाणुओं से संक्रमित कट या घाव से हो सकता है। डिप्थीरिया से सांस लेने में कठिनाई, दिल का दौरा, पैरालिसिस या मृत्यु भी हो सकती है। अधिकांश मामले संक्रमण के 14 दिनों के भीतर होते हैं।
  • इस टीके के दुष्प्रभाव:
  • इस टीके से बच्चे के शरीर में दर्द रहता है।
  • टीकाकरण शॉट की जगह लालिमा या सूजन हो सकती है।
  • इंजेक्शन लगने के बाद बच्चे को हल्का बुखार, सिरदर्द, थकावट, उल्टी और पेट दर्द होता है।

16 वर्षीय बच्चे का टीकाकरण

टेटनस और वयस्क डिप्थीरिया (टीडी)

  • यह एक बार दी जाने वाली खुराक का टीका है।
  • यह खुराक बच्चे को इंजेक्शन के जरिये लगाई जाती है।
  • यह टीका टेटनस से सुरक्षा प्रदान करता है जो बैक्टीरिया क्लोस्ट्रीडियम टेटानी के बीजाणुओं से संक्रमित कट या घाव से हो सकता है। डिप्थीरिया से सांस लेने में कठिनाई, दिल का दौरा, पैरालिसिस या मृत्यु भी हो सकती है। अधिकांश मामले संक्रमण के 14 दिनों के भीतर होते हैं।
  • इस टीके के दुष्प्रभाव:
  • इस टीके से बच्चे के शरीर में दर्द रहता है।
  • टीकाकरण शॉट की जगह लालिमा या सूजन हो सकती है।
  • इंजेक्शन लगने के बाद बच्चे को हल्का बुखार, सिरदर्द, थकावट, उल्टी और पेट दर्द होता है।

स्वास्थ्य संबंधी किसी भी इमरजेंसी में अपने स्थानीय डॉक्टर या स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।